भगवती दुर्गा के वैसे तो अनंत नाम हैं, रूप हैं। उन अनंत नामों वाली भगवती दुर्गा के ध्यान मात्र से जीव का उद्धार हो जाता है।भगवती दुर्गा जिस जीव पर प्रसन्न होती हैंं, उसके लिए तीनों लोकों में कुछ भी असाध्य नहीं है। भगवती के 1०8 नामों के जप मात्र से भगवती प्रसन्न हो जाती हैं, जो मनुष्य नित्य भगवती के इन नामों का जप करता है, उस मनुष्य के चारों पुरुषार्थ सिद्ध हो जाते हैं और अंत में वह सनातन मुक्ति को भी प्राप्त करता है। भगवती के इन नामों की महिमा का बखान धर्म शास्त्रों में भी जगह-जगह मिलता है। स्वयं भगवान शंकर ने भी भगवती के 1०8 नामों के गान की महिमा का बखान किया है। जो भी जीव भगवती की कृपा प्राप्त करना चाहता हो, उसे इन भगवती के 1०8 नामों का नित्य जप जरूर करना चाहिए। भगवती के इन 1०8 नामों के माध्यम से हम उनके विभिन्न स्वरूपों को जान सकते हैं। उनकी शक्ति व स्वरूपों का भान कर सकते हैं। इन नामों के नित्य जप से जीव को उन आदि शक्ति की शक्ति की अनुभूतियां होने लगती हैं, जिसका शब्दों में व्यक्त करना शायद सम्भव नहीं होगा। नीचे दिए भगवती के नामों का जब आप ध्यान पूर्वक जप करेंगे तो आपको उनके स्वरूपों की अनुभूति होने लगेगी। सृष्टि के विविध रंग दिख्ोंगे। कहने के आशय यह है कि सृष्टि में जो कुछ है, वह उनकी माया से प्रभावित रहता है। यह अनुभूति भी साधक को शक्ति प्रदान करती है।
1. सती : अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली। 2. साध्वी : आशावादी। 3. भवप्रीता : भगवान शिव पर प्रीति रखने वाली। 4. भवानी : ब्रह्मांड में निवास करने वाली। 5. भवमोचनी : संसार बंधनों से मुक्त करने वाली। 6. आर्या : देवी। 7. दुर्गा : अपराजेय। 8. जया : विजयी। 9. आद्य : शुरुआत की वास्तविकता। 1०. त्रिनेत्रा : तीन आंखों वाली। 11. शूलधारिणी : शूल धारण करने वाली। 12. पिनाकधारिणी : शिव का त्रिशूल धारण करने वाली।
13. चित्रा : सुरम्य, सुंदर। 14. चण्डघण्टा : प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली । 15. महातपा : भारी तपस्या करने वाली। 16. मन : मनन शक्ति। 17. बुद्धि : सर्वज्ञाता। 18. अहंकारा : अभिमान करने वाली। 19. चित्तरूपा : वह जो सोच की अवस्था में हैं। 2०. चिता : मृत्युशय्या। 21. चिति : चेतना। 22. सर्वमन्त्रमयी : सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली। 23. सत्ता : सत स्वरूपा, जो सब से ऊपर हैं। 24. सत्यानन्दस्वरूपिणी : अनन्त आनंद का रूप। 25. अनन्ता : जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं। 26. भाविनी : सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत। 27. भाव्या : भावना व ध्यान करने योग्य। 28. भव्या : कल्याणरूपा, भव्यता के साथ। 29. अभव्या : जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं। 3०. सदागति : हमेशा गति में, मोक्ष दान।
31. शाम्भवी : शिवप्रिया अर्थात शंभू की पत्नी। 32. देवमाता : यानी देवगण की माता। 33. चिन्ता : चिन्ता। 34. रत्न प्रिया : गहने से प्यार। 35. सर्वविद्या : ज्ञान का निवास।
36. दक्षकन्या : दक्ष की बेटी। 37. दक्षयज्ञविनाशिनी : दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली। 38. अपर्णा : तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली। 39. अनेकवर्णा : अनेक रंगों वाली। 4०. पाटला : लाल रंग वाली। 41. पाटलावती : गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली। 42. पट्टाम्बरपरीधाना : रेशमी वस्त्र पहनने वाली। 43. कलामंजीरारंजिनी : पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली। 44. अमेय : जिसकी कोई सीमा नहीं। 45. विक्रमा : असीम पराक्रमी वाली। 46. क्रूरा : दैत्यों के प्रति कठोर। 47. सुन्दरी : सुंदर रूप वाली। 48. सुरसुन्दरी : अत्यंत सुंदर। 49. वनदुर्गा : जंगलों की देवी। 5०. मातंगी : मतंगा की देवी। 51. मातंगमुनिपूजिता : बाबा मतंगा द्बारा पूजनीय। 52. ब्राह्मी : भगवान ब्रह्मा की शक्ति। 53. माहेश्वरी : प्रभु शिव की शक्ति। 54. इंद्री : इन्द्र की शक्ति। 55. कौमारी : किशोरी। 56. वैष्णवी : अजेय। 57. चामुण्डा : चंड और मुंड का नाश करने वाली। 58. वाराही : वराह पर सवार होने वाली। 59. लक्ष्मी : सौभाग्य की देवी।
6०. पुरुषाकृति: पुरुष के समान आकृति वाली। 61. विमिलौत्त्कार्शिनी : आनन्द प्रदान करने वाली। 62. ज्ञाना : ज्ञान से भरी हुई। 63. क्रिया : हर कार्य में होने वाली। 64. नित्या : अनन्त। 65. बुद्धिदा : ज्ञान देने वाली। 66. बहुला : विभिन्न रूपों वाली। 67. बहुलप्रेमा : सर्व प्रिय 68. सर्ववाहनवाहना : सभी वाहन पर विराजमान होने वाली। 69. निशुम्भशुम्भहननी : शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली। 7०. महिषासुरमर्दिनि : महिषासुर का वध करने वाली। 71. मधुकैटभहंत्री : मधु व कैटभ का नाश करने वाली। 72. चण्डमुण्ड विनाशिनि : चंड और मुंड का नाश करने वाली। 73. सर्वासुरविनाशा : सभी राक्षसों का नाश करने वाली।
74. सर्वदानवघातिनी : संहार के लिए शक्ति रखने वाली। 75. सर्वशास्त्रमयी : सभी सिद्धांतों में निपुण। 76. सत्या : सच्चाई। 77. सर्वास्त्रधारिणी : सभी हथियारों धारण करने वाली। 78. अनेकशस्त्रहस्ता : हाथों में कई हथियार धारण करने वाली। 79. अनेकास्त्रधारिणी : अनेक हथियारों को धारण करने वाली। 8०. कुमारी : सुंदर किशोरी। 81. एककन्या : कन्या। 82. कैशोरी : जवान लड़की। 83. युवती : नारी। 84. यति : तपस्वी
85. अप्रौढा : जो कभी पुराना ना हो। 86. प्रौढा : जो पुराना है। 87. वृद्धमाता : शिथिल। 88. बलप्रदा : शक्ति देने वाली। 89. महोदरी : ब्रह्मांड को संभालने वाली। 9०. मुक्तकेशी : खुले बाल वाली। 91. घोररूपा : एक भयंकर दृष्टिकोण वाली। 92. महाबला : अपार शक्ति वाली। 93. अग्निज्वाला : मार्मिक आग की तरह। 94. रौद्रमुखी : विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा। 95. कालरात्रि : काले रंग वाली। 96. तपस्विनी : तपस्या में लगे हुए। 97. नारायणी : भगवान नारायण की विनाशकारी रूप। 98. भद्रकाली : काली का भयंकर रूप। 99. विष्णुमाया : भगवान विष्णु की माया।1००. जलोदरी : ब्रह्मांड में निवास करने वाली। 1०1. शिवदूती : भगवान शिव को दूत बनाने वाली। 1०2. करली : हिसक। 1०3. अनन्ता : विनाश रहित।
1०4. परमेश्वरी : प्रथम देवी। 1०5. कात्यायनी : ऋषि कात्यायन द्बारा पूजनीय। 1०6. सावित्री : सूर्य की बेटी
1०7. प्रत्यक्षा : वास्तविक। 1०8. ब्रह्मवादिनी : वर्तमान में हर जगह वास करने वाली।
माँ दुर्गा के-एक सौ आठ नाम- संक्षेप में जाने, हिंदी में सती साध्वी भवप्रीता भबानीभवमोचनीआर्या दुर्गा जया आद्या त्रिनेत्रा शूलधारिणी पिनाक धारिणी चित्रा चण्डघण्टा महातपाः मनः बुद्धिः अहंकारा चित्तरुपा चिता चिति सर्बमन्त्रमयी सत्ता वैष्णवी चामुण्डा वाराही लक्ष्मीः पुरुषाकृतिः विमला उत्कर्षिणी ज्ञाना किया नित्या बुद्धिदा बहुला वहुलप्रेमा सर्ववाहनवाहना निशुम्भशुम्भहननी महिषासुरमर्दिनी मधुकैटभहन्त्री चण्डमुण्डविनाशिनी सर्बासुरविनाशा सर्वदानवधातिनी सर्वशास्त्रमयी सत्या सर्वास्त्रधारिणी सत्यानन्दस्वरुपिणी अनन्ता भाविनी भाव्या भव्या अभव्या सदागति शाम्भवी देवमाता चिन्ता रत्नप्रिया सर्वविद्या दक्षकन्या दक्षयज्ञविनाशिनी अपर्णा अनेकवर्णा पाटला पाटलावती पट्ठाम्बरा कलमञ्जीररञ्जिनी अमेय विक्रमा क्रुरा सुन्दरी सुरसुन्दरी वनदुर्गा मातङ्गी मतङ्गमुनिपूजिता अनेकशस्त्रहस्ता अनेकास्त्रधारिणी कुमारा एककन्या कशोरी युवती यति अप्रौढ़ा प्रौढ़ा बुद्धमाता बलप्रदा महोदरी मुक्तकेशी घोररुपा महाबला अग्निज्वाला रौद्र मुखी कालरात्रि तपस्विनी नारायणी भद्रकाली बिष्णुमाया जलोदरी शिवदूती कराली अनन्ता परमेश्वरी ब्राह्री महेश्वरी एन्द्री कौमारी कात्यायनी सावित्री प्रत्यक्षा ब्रह्रावादिनी |
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