श्री राम जगत के पालनहार है। उनकी कृपा के बिना संसार में कल्याण संभव नहीं है। सबसे पहले श्री गण्ोश का ध्यान पूजन करें, फिर श्री राम के चरणों के प्रति पूर्ण भक्ति व आस्था रखकर उन्हें नमन करें। उनका पूजन करें। फिर मंत्र का जप आगे बताई गई विधि के अनुसा करना चाहिए। निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होगी। यह अत्यन्त अचूक राम तंत्र माना जाता है।
मंत्र है-
सूत्र बनावें बीच बन, आनंद कन्द रघुबीर।
लख्ों सीय सन्मुख मही, होय धीर मति धीर।।
तेहि समय लषण तहं आये। पूछहिं राम लषण बुलाये।।
बोले हरि कवन कारण तुम भाई। इत आबत बहु विलम्ब लगाई।।
लषण बोले गयउॅँ दूरि पहारा। देख्ोउ जहां भूत दल झारा।।
तहॅँ एको मानुष न दिखाये। निज आश्रम को छोड़ पराये।।
वचन सुन हरि बान चलायउ। भागे आनन्द गिरि भयउ।।
नाम के अगनहीं भूत नहीं भार। राम के नाम से भई समुद्र पार।।
आदेश श्री राम सीता की दुहाई। मन्त्र साचा पिण्ड काचा।
फुरे मन्त्र ईश्वरो वाचा।।
मंत्र सिद्ध करने की विधि-
भूत की बाधा से पीड़ित रोगी को यह मंत्र तीन बार पढ़ते हुए तीन बार फूंक मारनी चाहिये। इससे रोगी ठीक हो जाता है। यह भूत बाधा को दूर करने वाला अचूक श्री राम तंत्र है।