दादा जी के आयुर्वेदिक नुस्खे: मासिक धर्म खोलने व प्रदर रोग की दवा

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मासिक धर्म खोलने की दवा

मेथी का बीज एक तोला, सेंजना की छाल दो तोला, सेंजना की पत्ती चार तोला, हल्दी आधा तोला, एक पाव पानी में उबाल लें। आधा मात्रा होने पर पी लें। यह दवा मासिक धर्म पारी से तीन दिन पहले पीयंे। उक्त मात्रा अर्थाता आधा- आधा पाव तीन दिन तक पीयें। लाभ होगा।

रक्त श्वेत प्रदर की दवा

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सफेद ऊन का कम्बल या आसन जो 1०- 15 वर्ष का पुराना हो, लेकर किसी पात्र में रख कर जलती हुई आग में रख दें। वह जल जाएंगा। बारीक पीसकर शीशी में रख दें। सुबह-शाम एक-एक रत्ती शहद के साथ खायें। पथ्य तेल, खटाई, लाल मिर्च,मसाले, गुड़ आदि न खायें।

प्रदर रोग की दवा

भिन्डी की जड़ का चूर्ण का चूर्णै पानी के साथ दिन में तीन बार सेवन करें।

रक्त स्त्राव: रज बहुत पड़ने की दवा

रज बहुत पड़ते हो तो 1- नाग केसर पीसकर पानी के साथ दिन में चार बार पीयें।
2- दूब का रस दिन में कई बार पीयें।
3- पेट में ठंडे पानी की पट्टी बांध्ो।

प्रदर रोग की दवा

1- मुलेठी दो तोला, मिश्री दो तोला, चावल धोये हुए जल में पीस कर दिन में दो बार सेवन करें। इससे रक्त प्रदर भी मिट जाता है।

2- अशोक की छाल के काढ़ें को पीने से भी प्रदर में लाभ होता है।

प्रस्तुति

स्वर्गीय पंडित सुदर्शन कुमार नागर

सेवानिवृत्त तहसीलदार/ विशेष मजिस्ट्रेट, हरदोई

नोट:स्वर्गीय पंडित सुदर्शन कुमार नागर के पिता स्वर्गीय पंडित भीमसेन नागर हाफिजाबाद जिला गुजरावाला पाकिस्तान में प्रख्यात वैद्य थे।

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