दादा जी के आयुर्वेदिक नुस्खे :नेत्र ज्योति वर्धक दवा, रतौंधी व मातियाबिंद का उपचार

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 नेत्र ज्योति वर्धक दवा जानिए: मुलतानी मिट्टी, बहेडा, आंवला, नागर मोथा, जटा मांसी सुगंध वाला, कपूरर कांचरी, सफेद चंदन का चूर्ण, यह सब औषधियां एक-एक तोला व कपूर तीन माशा, यह सब बारीक पीसकर थोड़ा ससा पानी मिलाकर इस लेप को माथ्ो पर लगाए। यह लेप बराबर कई बार रात्रि को लगाएं। लाभ होगा।

आंखों की प्रभावी दवा

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पिसी हुई लाल फिटकरी और शुद्ध घी। फिटकरी को पीसकर घी में मिला लें। एक सप्ताह तक रात में सोते समय आंखों के उपर लेप करें।

रतौंधी की दवा

1- छाद में काली मिर्च मिलाकर पुतली में कई दिनों तक लगाएं।

2- धनिया की पत्नी का रस छानकर कई दिनों तक आंखों में लगाएं।

3- पीपल की छाल गोमूत्र में घिसकर आंखों में लगाएं।

आंखों में जाला और मातियाबिंद का उपचार

1- कागजी नीबू का रस प्रतिदिन आंखों में लगाएं।

2-प्याज के रस को शहद में मिलाकर आंख में लगाएं।

उपरोक्त प्रयोग चालीस दिन तक करें।

 आंखों के दर्द की दवा

1- बरगद का दूध का आंखों पर लेप करें।

2- आक यानी मदार अर्क का दूध पैर के नाखूनों पर लगाएं।

सूचना- किसी वैद्य से परामर्श कर इसका प्रयोग कीजिए। नेत्रों का परीक्षण भी उक्त वैद्य से करा लें। उसके बाद ही इसका उपयोग करें।

प्रस्तुति

स्वर्गीय पंडित सुदर्शन कुमार नागर

सेवानिवृत्त तहसीलदार/ विशेष मजिस्ट्रेट, हरदोई

नोट:स्वर्गीय पंडित सुदर्शन कुमार नागर के पिता स्वर्गीय पंडित भीमसेन नागर हाफिजाबाद जिला गुजरावाला पाकिस्तान में प्रख्यात वैद्य थे।

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