नए संविधान के साथ नई संसद में हो प्रवेश- महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा

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मदरसे किए जाएं समाप्त, धर्मांतरण पर हो आपराधिक कार्रवाई

आईएमए को किया जाए समाप्त, जनसंख्या पर रोक को लाया जाए बिल

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लखनऊ। देेश की नई संसद के साथ नया संविधान भी बनाया जाए। जनसंख्या पर रोक का कानून बने और मदरसों का समाप्त किया जाए। धर्मांतरण को अपराधिक माना जाए और इंडियन मे‌‌डिकल एसोसिएशन(आईएमए) को समाप्त किया जाएगा। यह प्रमुख बातें रविवार को जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यतींद्र नाथ गिरी ने राजधानी के विकास नगर स्थित जीवन दीप आश्रम में बातचीत में कहीं।

उन्होंने कहा कि जो नई संसद बन रही है उसमें नए संविधान के साथ प्रवेश होना चाहिए। जो नया संविधान बने व सनातन हिंदू संस्क़ृति पर आधारित हो। जिसमें एक देश एक नागरिकता की बात हो। धर्म, जाति और मौलिक अधिकारों को लेकर भेद न हो क्योंकि मौजूदा संविधान इन आधारों पर भेद करता है। समानता की बात तो की‌ जाती है मगर ऐसा है नही। नए संविधान में आरक्षण पर पुनर्विचार हो।

 

समाप्त हों मदसरे, धर्मांतरण के लिए हो रही विदेशी फंडिंग

महामंडलेश्वर ने कहा कि मदरसों को पूरी तरह समाप्त होना चाहिए। आतंक और धर्मांतरण के लिए बहावी मदरसों और मौलानाओं को फंडिंग कर रहे हैं। बाहर से आने वाले पैसे के जरिए धर्मांतरण कराया जा रहा है। ऐसे में मदरसे बंद हों और उनको भी सरकारी स्कूलों की तरह संचालित हों।

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जनसंख्या कानून पर रोक को गंभीर नही सरकार

जनसंख्या पर रोक के लिए कानून बनाए जाने आश्वासन प्रधानमंत्री मोदी ने साधु संतो को दिया था मगर अब तक यह कानून बनाया नही गया। सरकार देरी कर रही है। जो भी दो बच्चों से ‌अधिक पैदा करें उनके लिए कठोर सजा बिल अ‌विलंब लाया जाए। असम उदाहरण देते हुए कहा कि वहा पर सरकार ने ‌‌बिल लाकर दो बच्चों से अधिक वालों को सरकारी सुविधाओं से रोक दिया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को भी ऐसा बिल जल्द लाना चाहिए।

समाप्त हो आईएमए, एलोपैथी पू्र्ण इलाज नही

महामंडलेश्वर ने कहा कि आईएमए ईसाई संगठन है। उसको समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद पूरी तरह बीमारी को ठीक करता है जबकि एलोपैै‌थी मर्ज को दबाती है ठीक नही करती। कोरोना में बड़े-बड़े चिकित्सा संस्थानों ने आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया है।

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वैक्सीन पर राजनीति न करे केंद्र और राज्य

कोरोना वैक्सीन के संकट को लेकर महामंडलेश्वर ने कहा यह महामारी का समय है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों को‌ मिलकर काम करना चाहिए। आपसी मनमुटाव के कारण राजनीति नही करनी चाहिए। महामभारी के दौर में मतभेत सही नही है।

 

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