नयी दिल्ली 03 मई (एजेंसी)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को वस्तुए एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने पर जोर देते हुए शनिवार को कहा कि प्रदेश सरकार एक ऐसी व्यवस्था बनाने पर ध्यान दे रही है, जिससे चार्टर्ड अकाउंटेंटों और व्यापारियों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
श्रीमती गुप्ता ने भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) की ओर से तीसरे लेखा मानक दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा समय में विवादों और अन्य कारणों से दिल्ली सरकार का 80,000 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया है।
उन्होंने विवादों को सुलझाने और देश की आर्थिक विकास में चार्टर्ड अकाउंटेंटों की भूमिका को रेखांकित किया और समारोह में उपस्थित चार्टर्ड अकाउंटेंटों की तारीफ करते हुए कहा कि केवल सीए समुदाय ही इन सभी मुद्दों को सुलझाने में मदद कर सकता है। उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंटों से दिल्ली की प्रगति में मददगार बनने का आह्वान किया और प्रदेश सरकार के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि व्यवसायी पहले से ही अदालत में पेश हो रहे हैं तो उन्हें अपने कार्यालयों में न बुलाया जाए।
श्रीमती गुप्ता ने मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री के तौर पर पेश किये गये अपने पहले बजट को उल्लेख किया और कहा कि यह पहली बार था, जब दिल्ली में किसी सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, वह भी ऐसे समय में जब प्रदेश सरकार का खजाना लगभग खाली मिला था। उन्होंने कहा कि लोग पूछते थे कि यह मुख्यमंत्री कौन है, जिसने इतना बड़ा बजट पेश किया। उन्होंने कहा, “लोग करते थे कि सरकार इस बजट के लक्ष्य को कैसे पूरा करेगी, लेकिन मुझे आप सभी पर भरोसा था। इस समुदाय पर भरोसा था कि वे सरकार को लक्ष्य पूरा करने में मदद करेंगे।”
उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण में पेशेवरों की भूमिका का भी सम्मान है। आईसीएआई द्वारा वित्तीय मानकों को सुदृढ़ करने और युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करने का यह प्रयास निस्संदेह अत्यंत सराहनीय है।