भारतीय मूल के व्यक्ति को 10 साल की सजा, दो मासूमों समेत चार की मौत
मिनेसोटा, 29 मई (एजेंसी)। अमेरिका के मिनेसोटा में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। भारतीय मूल के हर्षकुमार रमनलाल पटेल और फ्लोरिडा निवासी स्टीव एंथनी शेंड को अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी के गंभीर अपराध में दोषी पाते हुए स्थानीय अदालत ने कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
पटेल को 10 साल 1 महीने और शेंड को 6 साल 6 महीने की सजा दी गई है, साथ ही शेंड को रिहाई के बाद दो साल निगरानी में भी रखा जाएगा। इस भयावह तस्करी में एक ही भारतीय परिवार के चार लोगों की जान चली गई — जिनमें 11 साल की बच्ची और 3 साल का मासूम बेटा भी शामिल थे।
अमेरिकी अटार्नी लिजा डी किर्कपैट्रिक ने कहा,
“हर बार जब मैं इस केस के बारे में सोचती हूं, तो उन दो बच्चों की तस्वीरें आँखों में आ जाती हैं जिन्हें इन मानव तस्करों ने बर्फ में मरने के लिए छोड़ दिया। यह अपराध सिर्फ गैरकानूनी नहीं, अमानवीय भी है।”
कैसे हुआ यह अमानवीय कांड?
जांच में सामने आया कि पटेल और शेंड मिलकर भारत से लोगों को छात्र वीजा पर कनाडा बुलाते थे, फिर उन्हें अमेरिका की उत्तरी सीमा पार कराकर अवैध रूप से अमेरिका में घुसाते थे। यह सब पैसे के लालच में किया जाता था, मानव जीवन की कोई कीमत नहीं समझी जाती थी।
जनवरी 2022 में इन्होंने भीषण ठंड के बावजूद 11 लोगों को पैदल सीमा पार भेजने की कोशिश की, जिसमें एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। बर्फ में फंसी एक वैन से शुरुआत हुई, और धीरे-धीरे एक दर्दनाक सच्चाई सामने आई — मासूम बच्चों के शव जो बर्फ में जमे मिले।
‘इतिहास में दर्ज होगा यह अपराध’
अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन के प्रमुख जेमी होल्ट ने कहा:
“ऐसी लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना हरकतें कभी भुलायी नहीं जा सकतीं। यह एक ऐतिहासिक फैसला है, जो मानव तस्करों को स्पष्ट संदेश देता है।”
अब क्या होगा?
सजा पूरी करने के बाद पटेल को अमेरिका से निष्कासित कर दिया जाएगा। न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि यह केवल सजा नहीं, एक चेतावनी है उन सभी के लिए जो मानव जीवन से खेलते हैं।