“पीपल वृक्ष: आध्यात्मिक शक्ति और शनि कृपा का स्त्रोत”

0
96

पीपल का वृक्ष (Ficus religiosa) हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। इसे न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक और आयुर्वेदिक रूप से भी विशेष महत्व प्राप्त है।


🌳 हिंदू धर्म में पीपल का महत्व:

  1. त्रिदेवों का वास:

    Advertisment
    • मान्यता है कि पीपल में भगवान विष्णु का मूल वास होता है।

    • इसकी शाखाओं में भगवान ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु और जड़ों में भगवान शिव का वास माना गया है।

  2. भगवद्गीता और पुराणों में उल्लेख:

    • श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है:
      “अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां” — अर्थात् वृक्षों में मैं पीपल हूँ।

  3. बौद्ध धर्म में भी महत्व:

    • भगवान बुद्ध को बोधगया में पीपल के नीचे ही ज्ञान प्राप्त हुआ था। इसे बोधिवृक्ष भी कहते हैं।


🙏 पीपल की पूजा से लाभ:

  1. पितृदोष शांति: पीपल की पूजा से पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है और पितृदोष का शमन होता है।

  2. संतान सुख: संतान प्राप्ति की इच्छुक महिलाएं पीपल की जड़ में जल चढ़ाकर संतान प्राप्ति का वरदान मांगती हैं।

  3. ग्रह दोष निवारण: शनिदोष और राहु-केतु की बाधाओं से मुक्ति के लिए पीपल की पूजा अत्यंत प्रभावी मानी जाती है।

  4. दीर्घायु और आरोग्य: पीपल में ऑक्सीजन देने की क्षमता बहुत अधिक होती है, इसलिए इसका पूजन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में भी सहायक होता है।


📅 पीपल की पूजा का श्रेष्ठ दिन:

दिन महत्व
शनिवार सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, विशेषकर शनिदेव की कृपा के लिए
अमावस्या पितरों की शांति के लिए उत्तम
गुरुवार विष्णुजी की कृपा हेतु उपयुक्त
श्रावण मास के सोमवार शिव कृपा हेतु भी पूजा की जाती है

🚫 कब नहीं छूना चाहिए पीपल का वृक्ष?

  1. रात्रि में – रात के समय पीपल के वृक्ष को नहीं छूना चाहिए।

    कारण: रात को पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं और धार्मिक मान्यता है कि उस समय दैवीय शक्तियाँ विश्राम करती हैं।

  2. रविवार और मंगलवार – कुछ परंपराओं में रविवार और मंगलवार को पीपल को छूना वर्जित माना जाता है।


पूजन विधि संक्षेप में:

  • प्रातःकाल स्नान करके पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं।

  • जल, दूध, कुमकुम, हल्दी, अक्षत, पुष्प अर्पित करें।

  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ श्री वट वृक्षाय नमः” मंत्र का जाप करें।

  • 7 या 108 बार परिक्रमा करें।

यहाँ पीपल वृक्ष की पूजा के लिए एक संक्षिप्त विधि और कुछ सार्थक मंत्रों की सूची दी गई है जो श्रद्धा और फलदायकता दोनों के दृष्टिकोण से उपयोगी हैं:


🌳 पीपल पूजन के अन्य पहलू:

📅 शुभ दिन:

  • शनिवार को पीपल पूजन विशेष फलदायी माना जाता है।

  • सोमवार और गुरुवार को भी पूजन किया जा सकता है।

  • रविवार को पीपल नहीं छूना चाहिए

🪔 पूजन सामग्री:

  • जल, दूध, कच्चा दूध

  • हल्दी, चंदन, रोली

  • अक्षत (चावल), पुष्प, दीपक, धूप

  • सूत (पीला धागा या कच्चा सूत)

  • गुड़ या बताशे

  • शुद्ध जल वाला कलश

🕉️ पूजन विधि:

  1. प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. पीपल वृक्ष के समक्ष दीप जलाएं और जल अर्पित करें।

  3. वृक्ष पर हल्दी, रोली, चंदन लगाएं।

  4. 7, 11 या 21 बार पेड़ की परिक्रमा करें (धागा लपेट सकते हैं)।

  5. प्रसाद अर्पित करें और मनोकामना कहें।

  6. शनि देव, विष्णु जी और पितरों का स्मरण करें।


🕉️ प्रभावशाली मंत्रों की सूची:

1. विष्णु स्तुति मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
(पीपल वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है।)

2. शनि मंत्र:
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
(शनिवार को पीपल पूजन के साथ शनि देव का स्मरण विशेष लाभकारी है।)

3. पितृ तर्पण हेतु मंत्र:
ॐ पितृभ्यः नमः।
(पितृ दोष शांति के लिए यह मंत्र उपयोगी है।)

4. परिक्रमा के समय जपने योग्य मंत्र:
ॐ असि शुद्धो पवित्रोऽसि सर्वगात्रेषु विष्णुः।

5. समर्पण मंत्र:
त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।


सावधानियाँ:

  • रविवार को पीपल वृक्ष को न छुएं।

  • शाम के समय पीपल पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है।

  • बिना स्नान या अशुद्ध अवस्था में पूजा न करें।

पीपल देव देंगे कर्ज से मुक्ति

पीपल की परिक्रमा करने के ये हैं लाभ

वैज्ञानिक दृष्टि से भी है पीपल का बहुत महत्व, पीपल के निकट यह बिल्कुल न करें

 

#पीपल_पूजा, #शनिवार_विशेष, #शनि_मंत्र, #वृक्ष_पूजन, #पितृ_शांति, #भगवान_विष्णु, #हिंदू_परंपरा, #आस्था, #शक्ति_स्थान, #धार्मिक_विधि, #पीपल_पूजा, #हिंदू_धर्म, #शनिवार_पूजन, #पितृदोष_निवारण, #शनि_कृपा, #आध्यात्मिक_शक्ति, #वृक्ष_पूजन, #बोधिवृक्ष, #पवित्र_पीपल, #धार्मिक_महत्व, #हिंदू_मान्यता, #वास्तु_टिप्स

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here