देवी दुर्गा की मूर्ति से सोने के आभूषण चोरी, पुलिसकर्मी भी शामिल

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 मालदा में सनसनी

कोलकाता, 02 अक्टूबर (एजेंसियां)। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में दुर्गा पूजा पंडाल से सोने के आभूषण चोरी होने की घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस चोरी में दो ऐसे लोग शामिल पाए गए हैं, जो खुद वर्दीधारी पुलिसकर्मी हैं और कानून की रक्षा करने की शपथ लिए हुए थे। उनके साथ एक बाहरी व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है। यह मामला सामने आने के बाद से मालदा से लेकर पूरे राज्य में पुलिस की कार्यप्रणाली और उसकी साख पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

यह चोरी गाजोल ब्लॉक के एकलखी गांधी मोड़ पर स्थित सामुदायिक दुर्गा पूजा पंडाल में हुई। इस पूजा समिति ने बड़ी धूमधाम से दुर्गा प्रतिमा को असली सोने के आभूषणों से सजाया था। प्रतिमा को देखकर भक्तजन श्रद्धा और आस्था से सराबोर हो रहे थे, लेकिन बुधवार की शाम आयोजकों ने अचानक देखा कि प्रतिमा से कुछ कीमती आभूषण गायब हैं। शुरू में उन्हें लगा कि शायद आभूषणों को कहीं सुरक्षित रखने के लिए हटाया गया होगा, लेकिन जब पूरे पंडाल की तलाशी और जांच की गई तो मामला गंभीर चोरी का निकला।

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सीसीटीवी फुटेज ने खोली चोरी की पोल

जैसे ही आयोजकों को शक हुआ, उन्होंने तुरंत गाजोल थाने में इसकी सूचना दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पंडाल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने पर सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं। फुटेज में साफ दिखाई दिया कि दो वर्दीधारी लोग प्रतिमा के आभूषणों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। उनके साथ एक और बाहरी व्यक्ति भी मौजूद था, जो पूरी योजना का हिस्सा था। पुलिस ने फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में ले लिया।

गिरफ्तार आरोपी और उनका परिचय

गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों की पहचान संजय मंडल, गौर मंडल और अधीर मंडल के रूप में हुई है। इनमें संजय और गौर मंडल गाजोल पुलिस थाने से संबद्ध वर्दीधारी पुलिसकर्मी हैं, जबकि अधीर मंडल एक बाहरी व्यक्ति है। बताया जा रहा है कि अधीर मंडल दोनों पुलिसकर्मियों का परिचित है और चोरी की योजना में बराबरी का हिस्सा निभा रहा था।

विश्वासघात की घटना से जनता स्तब्ध

देवी दुर्गा की प्रतिमा से सोने के आभूषण चोरी होना अपने आप में एक बड़ा अपराध है, लेकिन इस पूरे मामले में जनता को सबसे ज्यादा झटका इस बात से लगा कि इसमें खुद पुलिसकर्मी शामिल थे। आमतौर पर लोग पुलिस पर भरोसा करते हैं और कठिन समय में सुरक्षा के लिए उसी का सहारा लेते हैं। ऐसे में जब पुलिस ही अपराधी बन जाए तो लोगों का भरोसा टूटना स्वाभाविक है।

मालदा के स्थानीय नागरिकों का कहना है कि दुर्गा पूजा बंगाल की आस्था और संस्कृति का प्रतीक है। इस दौरान पुलिस की जिम्मेदारी और भी ज्यादा होती है, क्योंकि लाखों लोग पंडालों में जुटते हैं। लेकिन अगर वही पुलिस आस्था की रक्षा करने के बजाय लूट का हिस्सा बन जाए, तो यह समाज के लिए शर्मनाक स्थिति है।

पुलिस की कार्रवाई और पूछताछ

सूत्रों ने बताया कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे कड़ाई से पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि चोरी गए आभूषणों की बरामदगी के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उन्होंने आभूषणों को कहां छिपाया या बेचा। इस मामले में और भी लोगों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता।

पूजा समितियों में सुरक्षा पर सवाल

इस घटना के बाद से मालदा जिले की सभी पूजा समितियों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। लोग कह रहे हैं कि जब वर्दीधारी ही अपराधी निकल सकते हैं तो पंडालों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी। कई आयोजक अब सोने-चांदी के आभूषणों की जगह नकली गहनों का इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

राजनीतिक रंग भी चढ़ा

इस चोरी ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इसे राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था की नाकामी करार दिया है। उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन खुद अपराधों में शामिल हो रहा है, जिससे जनता का विश्वास टूटता जा रहा है। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने इस मामले को “अलग-थलग घटना” बताते हुए आश्वासन दिया कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी और किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

समाज पर असर और धार्मिक भावनाएं आहत

दुर्गा पूजा बंगाल के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है, जिसे न केवल धार्मिक आस्था बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक माना जाता है। इस मौके पर चोरी होना और उसमें पुलिसकर्मियों का शामिल होना केवल एक आपराधिक घटना नहीं है, बल्कि समाज की नैतिकता और आस्था पर गहरा आघात है। इस घटना ने भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और लोगों के दिलों में यह सवाल छोड़ दिया है कि आखिर सुरक्षा किस पर छोड़ी जाए।

जनता की मांग – कड़ी सजा और पारदर्शिता

स्थानीय लोगों और पूजा समिति के आयोजकों ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। उनका कहना है कि अगर इस मामले को दबाने या हल्का करने की कोशिश की गई, तो यह भविष्य में और भी गंभीर अपराधों को जन्म देगा।

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