ज्योतिष और हस्तरेखा शास्त्र में व्यक्ति के स्वभाव, भविष्य और आर्थिक स्थिति की कई गुप्त जानकारियाँ छिपी होती हैं। माना जाता है कि कर्म के साथ-साथ हाथों की रेखाओं की स्थिति भी जीवन में धन, सफलता और ऐश्वर्य दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कई लोग बहुत मेहनत करने के बाद भी अपेक्षित परिणाम नहीं पाते, जबकि कुछ लोग कम प्रयास में ही बड़ी सफलता और समृद्धि अर्जित कर लेते हैं। हस्तरेखा विद्या के अनुसार, इसके पीछे कारण हथेली पर मौजूद शुभ रेखाएं और पर्वत माने जाते हैं। हस्तरेखा शास्त्र कर्म और रेखाओं का संयुक्त अध्ययन है। यदि किसी जातक की हथेली में उपर्युक्त शुभ रेखाएं बनती हैं, तो वह अपने जीवन में कम मेहनत में भी बड़ी तरक्की और धन का स्वामी बन सकता है। फिर भी, अंतिम परिणाम हमेशा व्यक्ति के कर्म, ईमानदारी और आत्मविश्वास पर ही निर्भर करता है।
नीचे जानिए वे खास रेखाएं और योग, जिनके बनने पर जातक कम परिश्रम में भी अपार धन, सम्मान और सफलता हासिल करता है।
1. करोड़ों के योग: उभरा शुक्र पर्वत और सुंदर उंगलियाँ
हस्तरेखा शास्त्र बताता है कि यदि किसी व्यक्ति का शुक्र पर्वत (अंगूठे के पास का क्षेत्र) उभरा हुआ हो और हाथ की त्वचा गुलाबी हो, तो ऐसे जातक तेज बुद्धि, आकर्षक व्यक्तित्व और सम्पन्नता प्राप्त करते हैं।
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मस्तिष्क रेखा का साफ, गहरा और दोषरहित होना भी आर्थिक उन्नति का संकेत माना गया है।
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यदि उंगलियाँ पतली, लंबी और सीधी हों, तो यह भी करोड़पति बनने की संभावना को बढ़ाता है।
ऐसे लोग अक्सर व्यापार में आगे बढ़ते हैं और जीवन में बड़े अवसर पाते हैं।
2. ऐश्वर्य देने वाली भाग्य रेखा
अगर जातक की भाग्य रेखा शनि पर्वत (मध्य उंगली के नीचे) तक स्पष्ट और गहरी जाती है तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है।
लेकिन अगर यह रेखा—
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एक से अधिक समानांतर रेखाओं के साथ हो,
तो यह जातक के विदेश में भी सफल व्यवसाय खड़ा करने, सम्मान और अपार संपत्ति अर्जित करने का योग बनाती है।
ऐसे लोग अपने जीवन में बड़े वित्तीय अवसर प्राप्त करते हैं और कई बार अपने दम पर बिजनेस एम्पायर बना लेते हैं।
3. जीवन रेखा में छिपा समृद्धि का रहस्य
यदि किसी व्यक्ति की जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा और भाग्य रेखा तीनों साफ, गहरी और बिना कटाव के हों, तो यह जीवन में स्थिरता और आर्थिक मजबूती का संकेत है।
विशेष रूप से—
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अगर जीवन रेखा से निकलकर भाग्य रेखा शाखाओं के रूप में फैलती हो,
तो ऐसे जातक को धन, सुविधाएँ, वाहन, भवन और जीवन के हर सुख प्राप्त होते हैं।
इन लोगों को सामान्यतः कभी कमी या संकट का सामना नहीं करना पड़ता।
4. अपार सम्पत्ति के संकेत: दो भागों में बंटी भाग्य रेखा
हस्तरेखा शास्त्र के अहम सूत्रों में से एक यह भी है कि यदि भाग्य रेखा—
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शनि पर्वत के नीचे जाकर समाप्त होती हो
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और मस्तिष्क रेखा के पास दो भागों में विभाजित हो जाए,
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जिसमें से एक भाग मस्तिष्क रेखा से जुड़ जाए,
तो ऐसा व्यक्ति जीवन में बेशुमार धन, संपत्ति और ऊँचा दर्जा प्राप्त करता है। ऐसे लोग अक्सर अपने परिवार और समाज में प्रतिष्ठित स्थान बनाते हैं।
5. चंद्र पर्वत से निकलने वाली भाग्य रेखा
यदि भाग्य रेखा चंद्र पर्वत (हथेली के निचले भाग, कनिष्ठा उंगली की तरफ) से निकलती हो और हथेली भारी व मजबूत हो, तो यह अत्यंत शुभ योग है।
ऐसे जातक—
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कल्पनाशील, प्रतिभाशाली
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दूरदर्शी, और
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विलक्षण कौशल वाले
होते हैं।
इनकी प्रतिभा साधारण चीजों को भी मूल्यवान बना देती है। अक्सर ये प्रतिष्ठित व्यापारी या उच्च पदस्थ व्यक्ति बनते हैं।
6. बुध पर्वत से निकलने वाली रेखाएं: व्यापार में बड़ी सफलता
यदि बुध पर्वत (कनिष्ठा उंगली के नीचे) से निकलने वाली छोटी रेखाएं शनि पर्वत की तरफ जाती हों, तो यह जातक की व्यापारिक कुशलता का संकेत है।
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ऐसे लोग कम उम्र में ही अपने क्षेत्र में बड़ी पहचान बना लेते हैं।
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उनका व्यवसाय लगातार बढ़ता है और आर्थिक स्थिति अत्यंत मजबूत रहती है।
ये जातक प्रबंधन, लेखा, व्यापार और संचार कौशल में माहिर होते हैं।










