नई दिल्ली, 30 अक्टूबर(एजेंसियां)। अमेरिका ने चाबहार बंदरगाह परियोजना पर भारत को बड़ी राहत देते हुए छह महीने की छूट दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस निर्णय को भारत-अमेरिका के बीच तनाव में नरमी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। रूस से कच्चा तेल खरीदने के कारण दोनों देशों के संबंधों में हाल ही में खिंचाव आया था, लेकिन अब यह कदम सहयोग को पुनर्जीवित करने की दिशा में सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर वार्ता जारी है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभावों का अध्ययन कर रही है, जो रूस की तेल कंपनियों पर लगाए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की ऊर्जा नीति 140 करोड़ नागरिकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जाती है, और इसका उद्देश्य विविध स्रोतों से सस्ती ऊर्जा सुनिश्चित करना है।
इस वर्ष जनवरी से अब तक 2790 से अधिक भारतीय नागरिकों को, जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे, वापस भेजा गया है। जायसवाल ने बताया कि उनकी पहचान और राष्ट्रीयता की पुष्टि के बाद यह प्रक्रिया पूरी की गई। ब्रिटेन की ओर से भी लगभग 100 भारतीय नागरिकों को इसी तरह वापस भेजा गया है।
पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान की संप्रभुता पर प्रतिक्रिया को लेकर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान यह मानता है कि उसे सीमा पार आतंकवाद जारी रखने का अधिकार है। भारत अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता का दृढ़ समर्थन करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान की नई प्रधानमंत्री सनाए तकाइची को पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी। दोनों नेताओं ने भारत-जापान संबंधों पर चर्चा की और क्वाड गठबंधन को चारों देशों के साझा हितों पर संवाद का महत्वपूर्ण मंच बताया।
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