मणिपुरी छात्र जोसेफ सेर्टो की निर्मम हत्या, न्याय की मांग तेज

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गुवाहाटी, 2 अक्टूबर(एजेंसियां)। गुवाहाटी (असम) में NERIM कॉलेज के कुछ वरिष्ठ छात्रों द्वारा मणिपुरी छात्र जोसेफ खमथांगशांग सेर्टो पर कथित रूप से हमले करने के बाद उनकी मौत की घटना ने पूरे क्षेत्र में चौंका देने वाला प्रभाव छोड़ा है। छात्र संघों और समाज के विभिन्न वर्गों ने इस नृशंस किस्से की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग जोर-शोर से उठाई है।

जोसेफ सेर्टो मणिपुर के मोइरेनग मंटक गाँव से थे और NERIM कॉलेज, गुवाहाटी में बीबीए तृतीय सेमेस्टर के छात्र थे। जानकारी के अनुसार, 11 सितंबर 2025 को वे कॉलेज से लौटते समय कुछ वरिष्ठ छात्रों के एक समूह ने उन पर हमला किया। यह हमला कथित तौर पर डंडे, लोहे की रॉड और अन्य हथियारों से किया गया। घटना का कुछ हिस्सा सीसीटीवी कैमरों में दर्ज हुआ है और सोशल मीडिया पर उसकी झलकियां भी प्रसारित हुईं। उनके गंभीर रूप से घायल होने पर उन्हें गुवाहाटी के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 19 दिनों के संघर्ष के बाद 29 सितंबर 2025 को उनकी मृत्यु हो गई। इस बीच कम-से-कम छह छात्रों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच जारी है।

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इस घटना पर प्रतिक्रिया करते हुए कोमरेम छात्र संघ, दिल्ली (KRSUD) ने कहा है कि यह हमला न केवल शैक्षणिक संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था में विफलता का संकेत है, बल्कि पूरे राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोर देता है। छात्र संघ ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों को संरक्षण देने या मामले को कमजोर करने का प्रयास किया गया, तो इसे न्याय को टालने जैसा माना जाएगा।

KRSUD ने असम सरकार, गृह मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। छात्र संघ ने एक त्वरित, निष्पक्ष और पारदर्शी न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा है कि दोषियों को गिरफ्तार कर मुकदमेबाज़ी की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कॉलेज प्रशासन की अनिवार्य जवाबदेही और निरीक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया, विशेषकर रैगिंग विरोधी नीतियों, निगरानी व्यवस्था और घटना पर उनकी प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए।

पीड़ित परिवार को छात्र संघ एवं अन्य सामाजिक संगठनों ने सुरक्षा, कानूनी सहायता और समय पर मुआवजा देने की मांग की है। छात्र समुदाय ने यह स्पष्ट किया है कि वे न्याय मिलने तक चुप नहीं बैठेंगे और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार आवाज उठाएंगे।

यह हत्याकांड शिक्षा क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है — संस्थानों में सुरक्षा, अनुशासन और जवाबदेही के बिना, छात्रों को सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना मुश्किल हो जाएगा। यदि दोषियों को शीघ्र सज़ा नहीं मिली और इस प्रकार की घटनाओं को अनदेखा किया गया, तो छात्र आंदोलनों का दबाव बढ़ सकता है।

इसलिए इस घटना की निष्पक्ष और तेज़ जांच, दोषियों की गिरफ्तारी एवं दायित्व तय करने वाला न्याय ही इस घटना का उचित उत्तर हो सकता है।

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