नई दिल्ली, 20 नवम्बर,(एजेंसियां)।देश में बढ़ते प्रदूषण और सड़क सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पुराने वाहनों पर सख्ती बढ़ा दी है। सरकार ने वाहन फिटनेस टेस्ट के शुल्क में भारी वृद्धि की है, ताकि पुरानी और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से सड़क से हटाया जा सके। नई शुल्क संरचना 10 नवंबर 2025 से पूरे भारत में लागू हो चुकी है।
नई व्यवस्था के तहत 20 साल से अधिक पुराने व्यावसायिक वाहनों पर सबसे ज्यादा भार पड़ा है। ऐसे वाहनों का फिटनेस शुल्क 3,500 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है। सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है—पुरानी, असुरक्षित और अधिक प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को धीरे-धीरे हटाना और लोगों को नए, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल वाहनों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना।
नई आयु-आधारित फिटनेस शुल्क संरचना लागू
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम (5वां संशोधन) के तहत फीस बढ़ाने की अधिसूचना जारी की।
अब वाहनों को तीन आयु वर्गों में बाँटा गया है—
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10–15 वर्ष
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15–20 वर्ष
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20 वर्ष से अधिक
प्रत्येक श्रेणी के अनुसार शुल्क में क्रमिक वृद्धि की गई है।
20 साल से अधिक पुराने वाहनों पर तगड़ा झटका
व्यावसायिक वाहनों के लिए नई फीस:
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भारी मालवाहक वाहन/बसें: ₹3,500 से बढ़ाकर ₹25,000
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मध्यम व्यावसायिक वाहन: ₹20,000
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हल्के मोटर वाहन (LMV): ₹10,000 से बढ़ाकर ₹15,000
दोपहिया और तिपहिया वाहन:
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20 वर्ष से अधिक पुराने दोपहिया: ₹600 → ₹2,000
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पुराने तिपहिया: अब ₹7,000 शुल्क
सरकार के अनुसार, यह बढ़ोतरी पुराने वाहनों को नवीनीकरण के बजाय रिटायर करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
15 वर्ष से कम पुराने वाहनों पर भी बढ़ा शुल्क
नई फीस उन वाहनों पर भी लागू है जो अभी पुरानी श्रेणी में नहीं आते।
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मोटरसाइकिल (15 वर्ष से कम): ₹400
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LMV: ₹600
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मध्यम/भारी व्यावसायिक वाहन: ₹1,000
ये शुल्क फिटनेस प्रमाणन के लिए अनिवार्य होंगे।
दिल्ली-NCR वाहनों को मिली थी अस्थायी राहत
अगस्त में मंत्रालय ने पुराने वाहनों के नवीनीकरण शुल्क में भी बदलाव किए थे। इसी समय, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में लागू सख्त उम्र-आधारित नियमों में कुछ राहत देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि
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10 वर्ष से अधिक पुराने डीज़ल वाहनों और
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15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों
के मालिकों के खिलाफ ज़बरदस्ती कार्रवाई ना की जाए।
हालांकि, केंद्र सरकार की नई शुल्क प्रणाली स्पष्ट संकेत देती है कि दीर्घकाल में पुराने वाहनों की चरणबद्ध समाप्ति ही लक्ष्य है।
सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा
नई शुल्क व्यवस्था केवल चार्ज बढ़ाने तक सीमित नहीं है। यह एक बड़े प्लान का हिस्सा है, जिसमें शामिल हैं—
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प्रदूषण को कम करना
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सड़क सुरक्षा को मजबूत करना
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ईंधन-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देना
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पुराने वाहनों को स्वैच्छिक स्क्रैपिंग की ओर प्रेरित करना
सरकार का मानना है कि इन कदमों से बड़े शहरों में प्रदूषण स्तर नियंत्रित होगा और सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।










