छत्रपति संभाजीनगर, 31 जुलाई। शिवसेना नेता एवं विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने गुरुवार को मालेगांव बम विस्फोट के फैसले की सार्वजनिक रूप से सराहना करते हुए सत्यमेव जयते की घोषणा की। सभी आरोपियों के बरी होने के बाद उद्धव ठाकरे के गुट की यह पहली प्रतिक्रिया है।
विशेष एनआईए अदालत के फैसले के बाद श्री दानवे द्वारा किया गया पोस्ट इस मामले के इतिहास को देखते हुए महत्वपूर्ण राजनीतिक महत्व रखता है।
यह प्रतिक्रिया 2008 के विस्फोट के बाद उठे विवाद की याद दिलाती है जब तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार ने “हिंदू आतंकवाद” शब्द का प्रयोग किया था जिससे पूरे भारत में हिंदू समुदाय में व्यापक गुस्सा भड़क उठा था।
उस समय बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना भाजपा के साथ गठबंधन में थी और उसने गठबंधन मंच से कांग्रेस सरकार की शब्दावली का कड़ा विरोध किया था।
सत्रह वर्षों के बाद यह फैसला परिवर्तित राजनीतिक परिदृश्य के बीच आया है जहां उद्धव ठाकरे की शिवसेना अब कांग्रेस पार्टी के साथ विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल है।
हालांकि शिवसेना (यूबीटी) ने अभी तक मालेगांव मामले में बरी होने के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है लेकिन श्री दानवे की सत्यमेव जयते पोस्ट एक विचारोत्तेजक टिप्पणी के रूप में काम करती है और इसे एमवीए में राजनीतिक टकराव का परोक्ष रूप में देखा जा सकता है।










