गुरुतत्व का वैदिक रहस्य – एक वैदिक कालीन प्रसंग

एक बार लोक पितामह तत्वज्ञ ब्रह्मा जी चिंताक्रन्त होते हुए विचारने लगे कि पुत्रवत मेरी सृष्टि को मेरा अनादि वेद विज्ञान किस प्रकार प्राप्त हो? तथा मेरे अद्भुत अपूर्व ज्ञान वेदों का रहस्य मानव जाति किस प्रकार प्राप्त कर ज्ञान सुधा का पान कर सके, इत्यादि चिंताओं से युक्त होने पर ब्रह्म जी ने अपनी … Continue reading गुरुतत्व का वैदिक रहस्य – एक वैदिक कालीन प्रसंग