कैसे करें सुंदरकांड का पाठ, क्या है पाठ का फल

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सुंदरकांड पाठ विधि (Sundarkand Paath Vidhi)

जहाँ राम, वहाँ हनुमान — यह शास्त्र-सिद्ध सत्य है।
सुंदरकांड का पाठ आरंभ करने से पहले भगवान श्रीराम और हनुमान जी का ध्यान करें। उसके बाद निम्न बीज मंत्र का 108 बार जाप करें:

“ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्”

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पाठ के समय ध्यान रखने योग्य बातें:

  • पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें।

  • पाठ आरंभ करने से पहले किष्किंधा कांड के कुछ दोहे अवश्य पढ़ें।

  • सुंदरकांड का पाठ करते समय भगवान राम और श्री हनुमान जी की फोटो सामने रखें।

  • प्रत्येक चौपाई समाप्त होने के बाद कहें:

    “ॐ श्री हनुमते नमः”

  • प्रत्येक बार सात बार भगवान श्रीराम का नाम लें।

पाठ का उत्तम समय:

सुंदरकांड पाठ करने का सर्वोत्तम समय रात 10 बजे से सुबह 4 बजे के बीच माना गया है।


सुंदरकांड पाठ के लाभ (Benefits of Sundarkand Paath)

  1. भय एवं संकट से मुक्ति:
    सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन के सभी प्रकार के भय, बाधाएं और नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।

  2. मानसिक शांति:
    यह पाठ मन को एकाग्र करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।

  3. परिवारिक सुख-शांति:
    घर में सुख-शांति, समृद्धि और शुभ ऊर्जा का संचार होता है।

  4. स्वास्थ्य लाभ:
    निरोगी काया और मानसिक संतुलन के लिए अत्यंत प्रभावशाली है।

  5. कार्य सिद्धि व मनोकामना पूर्ति:
    यदि श्रद्धा व विश्वास से नियमित पाठ किया जाए, तो इच्छित फल की प्राप्ति होती है।

  6. ग्रह दोष शांति:
    सुंदरकांड पाठ से ग्रह दोष एवं वास्तु दोष का प्रभाव भी कम होता है।

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