घुसपैठियों की अब खैर नहीं
नई दिल्ली (एजेंसियां)। भारत में अब गद्दारों और घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं बची है। मोदी सरकार ने ऐसा नया कानून लागू किया है जिसने अवैध रूप से भारत में रहने वालों की नींद उड़ा दी है। अब चाहे वीज़ा डेडलाइन क्रॉस करने वाले हों या फर्जी दस्तावेज़ों से दाखिल होने वाले विदेशी—सब पर कड़ी कार्रवाई होगी।
नया “आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025” (Immigration & Foreigners Act 2025) न सिर्फ अवैध घुसपैठियों पर शिकंजा कस रहा है बल्कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी सख्त जिम्मेदारियां सौंप रहा है।
कानून की बड़ी बातें
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अगर कोई विदेशी भारत में गलत तरीके से दाखिल होता है या वीज़ा खत्म होने के बाद भी रुका रहता है, तो अब उसे जेल और लाखों का जुर्माना भुगतना होगा।
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हर विदेशी को वीज़ा लेते समय अपनी बायोमेट्रिक जानकारी देनी होगी।
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अवैध प्रवासियों के लिए डिटेंशन कैंप/होल्डिंग सेंटर बनाए जाएंगे, जहां उन्हें निर्वासन तक रखा जाएगा।
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होटल, हॉस्टल, धर्मशालाएँ और पीजी हाउस अब हर विदेशी की पूरी जानकारी 24 घंटे के भीतर सरकार को देंगे।
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विश्वविद्यालय और अस्पताल भी विदेशियों के एडमिशन, इलाज, जन्म और मृत्यु की रिपोर्ट सीधे सिस्टम में डालेंगे।
किसे मिलेगी एंट्री से छूट?
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नेपाल और भूटान के नागरिक।
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पंजीकृत तिब्बती शरणार्थी।
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बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थी (जो 31 दिसंबर 2024 तक भारत आ गए हैं)।
सख्ती और जुर्माना
अब नियम तोड़ने पर सिर्फ चेतावनी नहीं बल्कि ₹10,000 से लेकर ₹5 लाख तक का जुर्माना लगेगा। गंभीर मामलों में जेल भी होगी। हालांकि, मानवीय कारणों या छोटी भूलों के लिए कुछ राहत का प्रावधान भी रखा गया है।
👉 इस नए कानून ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। खासकर उन नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं जो अब तक अवैध घुसपैठियों को ढाल बनाकर वोट बैंक की राजनीति करते थे।










