भगवान भोलेनाथ: अनादि-अनंत शिव के महिमामयी मंत्र

0
1466

भगवान भोलेनाथ अनादि है, उनका न आदि है, न अंत है,निराकार भी है और साकार भी। जो सहज भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं। सावन के महीने में उनके मंत्रों का जाप किया जाए तो वह शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। आइये,  जानते हैं, भगवान शिव के वह मंत्र जिनके जाप मात्र से जीव का बेड़ा पार हो जाता है। उसे असीम आनंद की प्राप्ति होती है।

1. 🔱 महामृत्युंजय मंत्र

संस्कृत मंत्र:
ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

हिंदी उच्चारण:
Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushtivardhanam,
Urvarukamiva Bandhanan Mrityor Mukshiya Maamritat.

अर्थ:
हम उस त्रिनेत्रधारी शिव की पूजा करते हैं, जो सुगंधित है और जीवन की समृद्धि को बढ़ाने वाला है। जैसे खीरा बेल से स्वतः अलग हो जाता है, वैसे ही हम मृत्यु के बंधन से मुक्त हों और अमरत्व (मोक्ष) को प्राप्त करें।

📿 सावन में विशेष लाभ: रोग, मृत्यु, दुर्घटना या भय से रक्षा करता है।


2. 🔱 पंचाक्षरी मंत्र – ॐ नमः शिवाय

संस्कृत मंत्र:
ॐ नमः शिवाय

हिंदी उच्चारण:
Om Namah Shivaya

अर्थ:
मैं भगवान शिव को नमस्कार करता हूँ।
यह पाँच अक्षरों का मंत्र (न-म-शि-वा-य) शिव तत्व का प्रतिनिधित्व करता है और पंचतत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) का समर्पण भी है।

📿 लाभ: मन की शांति, जीवन की बाधाओं का नाश, ध्यान और आत्म-साक्षात्कार में सहायक।

Advertisment

3. 🔱 रुद्र गायत्री मंत्र

संस्कृत मंत्र:
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

हिंदी उच्चारण:
Om Tatpurushaya Vidmahe Mahadevaya Dhimahi
Tanno Rudrah Prachodayat.

अर्थ:
हम उस महान पुरुष, महादेव को जानें, हम उस महादेव का ध्यान करें, और वह रुद्र हमें सत्य के मार्ग पर प्रेरित करें।

📿 लाभ: आत्मिक शक्ति, बुद्धि की प्रखरता और आध्यात्मिक जागरण।


4. 🔱 शिवाष्टक मंत्र (एक श्लोक)

संस्कृत मंत्र:
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय। नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै "न" काराय नमः शिवाय॥

हिंदी उच्चारण:
Nagendraharaya Trilochanaya
Bhasmangaragaya Maheshwaraya
Nityaya Shuddhaya Digambaraya
Tasmai Na Karaya Namah Shivaya.

अर्थ:
जो नागों का हार पहनते हैं, जिनकी तीन आंखें हैं, जो भस्म से शरीर को सजाते हैं, जो शाश्वत, शुद्ध और आकाश वस्त्रधारी (दिगम्बर) हैं — उन “न” कार (नमः शिवाय) स्वरूप शिव को मैं प्रणाम करता हूं।

📿 लाभ: शिवभक्ति की तीव्र अनुभूति, मोक्ष की प्राप्ति।


5. 🔱 शिव गायत्री मंत्र

संस्कृत मंत्र:
ॐ महेश्वराय विद्महे सत्यदेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

अर्थ:
हम महेश्वर को जानें, सत्यस्वरूप देव का ध्यान करें, वह रुद्र हमें प्रेरणा दे।

📿 लाभ: शिव तत्व का बोध, जीवन में सत्य और शांति का वास।


6. 🔱 शिव मूल मंत्र (गुप्त साधना के लिए)

मंत्र:
ॐ शिवाय नमः

अर्थ:
मैं शिव को नमस्कार करता हूँ।
यह मंत्र सरल होते हुए भी अत्यंत शक्तिशाली है और गोपनीय साधनाओं में इसका प्रयोग होता है।

📿 लाभ: साधना सिद्धि, ध्यान की गहराई, जीवन में तेज और स्थिरता।


🌼 सावन में मंत्र जाप के नियम

  1. रोज प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. शिवलिंग पर जल या पंचामृत से अभिषेक करें।
  3. रुद्राक्ष माला से जाप करें (108 बार)।
  4. सोमवार को विशेष रूप से व्रत, शिव चालीसा और रुद्राभिषेक करें।
  5. शुद्ध आचरण और सात्विक आहार रखें।

यदि उद्देश्य विशेष हो तो ये मंत्र अपनाएं:

उद्देश्य मंत्र लाभ
रोग मुक्ति महामृत्युंजय स्वास्थ्य रक्षा
मानसिक शांति ॐ नमः शिवाय चिंता, तनाव का नाश
मोक्ष / आत्मज्ञान रुद्र गायत्री आत्मबोध, उच्च चेतना
धन-वैभव शिव मूल मंत्र स्थायित्व और सफलता
विवाह/प्रेम पार्वती-पतये नमः मनोकामना पूर्ति

 

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here