लखनऊ, 26 सितम्बर, ( ब्यूरो)। राष्ट्र निर्माण और समाज में जागरूकता का संकल्प लेकर शुरू की जा रही भारतीय केसरिया वाहिनी की आगामी यात्रा को नाथ सम्प्रदाय का समर्थन मिल गया है। नाथ सम्प्रदाय के राष्ट्रीय संयोजक योगी विजेंद्रनाथ ने भारतीय केसरिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव से टेलीफोनिक वार्ता कर इस यात्रा के प्रति अपना समर्थन जताया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नाथ सम्प्रदाय इस जागरूकता यात्रा और अभियान में पूरी तरह से सहयोग देगा और राष्ट्र निर्माण के हर मंगलकारी कार्य में साथ खड़ा रहेगा।
योगी विजेंद्रनाथ ने बातचीत के दौरान कहा कि यह यात्रा केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह समाज को उसकी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों की याद दिलाने वाला ऐतिहासिक प्रयास है। उन्होंने कहा कि जब समाज अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होता है तभी राष्ट्र का वास्तविक उत्थान संभव होता है। नाथ परंपरा सदियों से इस सिद्धांत का पालन करती आई है कि धर्म और समाज एक-दूसरे के पूरक हैं और दोनों का संगम ही राष्ट्र को सशक्त बनाता है। यही कारण है कि नाथ सम्प्रदाय इस यात्रा को केवल समर्थन ही नहीं दे रहा है, बल्कि इसे राष्ट्र की चेतना से जोड़ने का कार्य भी कर रहा है।
भारतीय केसरिया वाहिनी द्वारा आयोजित की जा रही इस जागरूकता यात्रा का उद्देश्य पंच परिवर्तन के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है। इसमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता तथा नागरिक कर्तव्य जैसे पांच प्रमुख उद्देश्यों को सामने रखा गया है। योगी विजेंद्रनाथ ने कहा कि ये पांचों उद्देश्य वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत हैं और नाथ सम्प्रदाय पूरी तरह से इनके समर्थन में खड़ा है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के बिना समाज की कोई भी प्रगति अधूरी है। जब तक जाति, वर्ग और पंथ के भेद मिटाकर सभी लोग एक सूत्र में नहीं बंधते, तब तक राष्ट्र की वास्तविक शक्ति सामने नहीं आ सकती। इसी प्रकार कुटुंब प्रबोधन भी उतना ही आवश्यक है क्योंकि परिवार ही समाज की सबसे छोटी इकाई है और जब परिवार में संस्कार और एकजुटता होगी तभी समाज मजबूत होगा।
पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए योगी विजेंद्रनाथ ने कहा कि आज पूरी दुनिया जलवायु संकट का सामना कर रही है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य तभी संभव है जब हम प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें। इस यात्रा के माध्यम से इस संदेश का प्रसार होना एक सराहनीय कदम है।
स्वदेशी और आत्मनिर्भरता को लेकर उन्होंने कहा कि नाथ परंपरा हमेशा से आत्मनिर्भरता का संदेश देती आई है। भारत की प्रगति तभी टिकाऊ होगी जब हम अपने संसाधनों, तकनीकों और उत्पादों को प्राथमिकता देंगे। विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता से केवल आर्थिक कमजोरी आती है। आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी पूरा होगा जब हर नागरिक इस दिशा में ईमानदारी से योगदान दे।
नागरिक कर्तव्यों की चर्चा करते हुए योगी विजेंद्रनाथ ने कहा कि अधिकारों की बात तो सभी करते हैं लेकिन कर्तव्यों को अक्सर भुला दिया जाता है। राष्ट्र की मजबूती केवल अधिकार मांगने से नहीं बल्कि अपने कर्तव्यों का पालन करने से होती है। यह यात्रा जब लोगों को उनके कर्तव्यों की ओर ध्यान दिलाएगी तो निश्चित ही राष्ट्र के उत्थान में एक बड़ा योगदान देगी।
भारतीय केसरिया वाहिनी के अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव ने नाथ सम्प्रदाय के इस समर्थन का स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा अब और भी व्यापक स्वरूप लेगी। उन्होंने कहा कि नाथ सम्प्रदाय की आध्यात्मिक शक्ति और सामाजिक मार्गदर्शन इस अभियान को मजबूती प्रदान करेंगे। यह केवल एक संगठन की यात्रा नहीं रहेगी बल्कि यह पूरे समाज और राष्ट्र की यात्रा बनेगी।
नाथ सम्प्रदाय का समर्थन मिलने से यह भी संदेश गया है कि राष्ट्र निर्माण केवल राजनीतिक या सामाजिक संस्थाओं की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक संगठन भी इसमें उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। योगी विजेंद्रनाथ ने कहा कि नाथ परंपरा का मूल उद्देश्य ही समाज का कल्याण और राष्ट्र की सेवा है। इसलिए यह यात्रा उस दिशा में उठाया गया एक स्वाभाविक कदम है।
इस समर्थन के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि आगामी यात्रा केवल जागरूकता का साधन नहीं होगी बल्कि यह एक जन आंदोलन का रूप ले सकती है। हजारों समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ निकलने वाली यह यात्रा जब गांव-गांव और शहर-शहर पहुंचेगी तो समाज के हर वर्ग को अपने साथ जोड़ लेगी।
इस अवसर पर यह भी उल्लेखनीय है कि नाथ सम्प्रदाय का ऐतिहासिक योगदान भारतीय संस्कृति और अध्यात्म में रहा है। गोरखनाथ और मत्स्येंद्रनाथ जैसे महापुरुषों ने सदियों पहले समाज को जो मार्ग दिखाया, वह आज भी प्रासंगिक है। योगी विजेंद्रनाथ ने उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए स्पष्ट किया कि राष्ट्र निर्माण के किसी भी प्रयास में नाथ सम्प्रदाय कभी पीछे नहीं रहेगा।
यात्रा को लेकर समाज में पहले ही उत्साह का माहौल है और अब नाथ सम्प्रदाय के समर्थन से यह उत्साह और भी बढ़ गया है। यह यात्रा जब पंच परिवर्तन के संदेशों को लेकर देशभर में निकलेगी, तो यह केवल विचारों का प्रसार नहीं करेगी बल्कि समाज में व्यावहारिक परिवर्तन की नींव डालेगी।
नाथ सम्प्रदाय के इस समर्थन के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि यात्रा का प्रभाव और भी गहरा होगा और यह अभियान आने वाले समय में राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक अध्याय लिखेगा।










