नयी दिल्ली, 18 जून (एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय ने ‘क्राइम नंदकुमार’ के नाम से मशहूर केरल के पत्रकार एवं यूट्यूबर नंदकुमार टी. पी. को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की सदस्य सिंधु जॉय के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर दर्ज मुकदमे में बुधवार को अग्रिम जमानत मंजूर कर ली।
न्यायमूर्ति संदीप मेहता और प्रसन्ना बी. वराले की अंशकालीन कार्य दिवस पीठ ने नंदकुमार की ओर से केरल उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका पर उन्हें राहत दी।
केरल उच्च न्यायालय ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने उन्हें नौ जून, 2025 के आदेश का पालन करते हुए पहले उन्हें पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति मेहता की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व एसएफआई नेता नंदकुमार की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर करते हुए निर्देश दिया कि (उनकी) गिरफ्तारी की स्थिति में, उन्हें जांच अधिकारी की संतुष्टि के लिए जमानत बांड प्रस्तुत करने पर संबंधित क्षेत्र की निचली अदालत द्वारा जमानत दी जाएगी।
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को भी निर्देश दिया कि वह जांच में सहयोग करें।
नंदकुमार के खिलाफ मुकदमा तब दर्ज किया गया, जब उन्होंने एक प्रमुख महिला राजनेता को कथित रूप से निशाना बनाते हुए एक वीडियो अपलोड किया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि वीडियो में अपमानजनक, यौन रूप से गलत और धमकी भरी टिप्पणियां थीं, जिनका उद्देश्य पीड़िता को अपमानित करना और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था।
पत्रकार नंदकुमार पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 75(1)(4) (महिला की विनम्रता का अपमान करना), 79 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से डराना-धमकाना), और 351(1)(2) (अश्लील सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक प्रसार) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री के प्रकाशन या प्रसारण के दोषी को दंडित करने का प्रावधान है।
शीर्ष अदालत ने अगली सुनवाई के लिए छह सप्ताह बाद की तारीख मुकर्रर की है।