सनातन धर्म के प्रमुख धर्म ग्रंथों का क्रमवार वर्गीकरण

0
1970

सनातन धर्म के प्रमुख धर्म ग्रंथों का क्रमवार वर्गीकरण

क्र. सं. ग्रंथ की श्रेणी (मूल वर्गीकरण) संख्या मुख्य ग्रन्थों के नाम श्रुति/स्मृति
I वेद (श्रुति साहित्य: मूल ज्ञान) 4 ऋग्वेद, यजुर्वेद (शुक्ल/कृष्ण), सामवेद, अथर्ववेद 1 श्रुति (अपौरुषेय) 2
II ब्राह्मण ग्रंथ (श्रुति साहित्य: कर्मकांड व्याख्या) (प्रत्येक वेद से जुड़े) ऐतरेय, कौषीतकि (ऋग्वेद) 3, शतपथ, तैत्तिरीय (यजुर्वेद) 4, ताण्ड्य महाब्राह्मण, जैमिनीय (सामवेद), गोपथ (अथर्ववेद) 5 श्रुति (वेद का भाग) 5
III उपनिषद (श्रुति साहित्य: ज्ञान कांड का सार) 108 (जिनमें 10 प्रमुख हैं) ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुंडक, मांडूक्य, तैत्तिरीय, ऐतरेय, छांदोग्य, बृहदारण्यक 6 श्रुति (वेदांत) 7
IV इतिहास (महाकाव्य) 2 रामायण (वाल्मीकि रचित), महाभारत (वेदव्यास रचित) 8 स्मृति 8
V महापुराण 18 विष्णु, भागवत, नारद, पद्म, वराह, गरुड़ (सात्विक); ब्रह्मांड, मार्कण्डेय, ब्रह्मवैवर्त, भविष्य, ब्रह्म, वामन (राजसिक); लिंग, शिव, स्कन्द, अग्नि, कूर्म, मत्स्य (तामसिक) 10 स्मृति 10
VI वेदांग (वेद के सहायक अंग) 6 शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद, ज्योतिष 11 स्मृति
VII उपवेद (व्यावहारिक विज्ञान) 4 आयुर्वेद (चिकित्सा), धनुर्वेद (युद्धकला), गांधर्ववेद (संगीत), स्थापत्य वेद (वास्तुकला) 12 स्मृति
VIII षड् दर्शन (तार्किक प्रणाली) 6 न्याय (गौतम), वैशेषिक (कणाद), सांख्य (कपिल), योग (पतंजलि), पूर्व मीमांसा (जैमिनी), वेदांत (बादरायण) 13 स्मृति (वेदानुकूल) 14
IX धर्मशास्त्र (स्मृतियाँ) 18 (मूल स्मृतियाँ) मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य स्मृति और 18 मूल स्मृतियाँ (अत्रि, विष्णु, पराशर आदि) 2 स्मृति 2
X आगम / तंत्र (उपासना पद्धति) (असंख्य ग्रंथ) शैव आगम, वैष्णव आगम (संहिता), शाक्त आगम (तंत्र) 15 स्मृति 15

यह वर्गीकरण इस विशाल ज्ञान परंपरा की संरचना को समझने में सहायक होगा, जो श्रुति (ईश्वर प्रदत्त ज्ञान) से शुरू होकर स्मृति (मानव व्याख्या) के माध्यम से विस्तृत होती है।

नीचे 18 उपपुराणों का संक्षिप्त विषय-वर्णन एक साफ, तालिका-आधारित चार्ट में प्रस्तुत है। यह सूची परंपरागत/स्वीकृत 18 उपपुराणों को आधार बनाकर दी जा रही है।

Advertisment

18 उपपुराण : विषय-आधारित संक्षिप्त चार्ट

क्र. उपपुराण मुख्य विषय देव-तत्त्व / क्षेत्र विशेषता
1 विष्णुधर्म पुराण धर्म, आचार, व्रत विष्णु वैष्णव धर्म के सामान्य नियम
2 विष्णुधर्मोत्तर पुराण कला, संगीत, चित्रकला, वास्तु विष्णु प्राचीन एनसाइक्लोपीडिया; नाट्य-कला का विस्तृत वर्णन
3 नरसिंह पुराण नरसिंह अवतार, भक्त प्रह्लाद विष्णु (नरसिंह) नरसिंह-तत्त्व का प्रमुख ग्रंथ
4 कपिल पुराण सांख्य-दर्शन, तप, तीर्थ कपिल मुनि तीर्थ-महात्म्य और सांख्य-ज्ञान
5 हयग्रीव पुराण हयग्रीव अवतार, विद्या विष्णु (हयग्रीव) ज्ञान, विद्या, शिक्षा का महत्व
6 नरसिंहीय/तापिनी उपनिषद्-संबंधी उपासना, मंत्र, साधना विष्णु नरसिंह की गूढ़ साधना
क्र. उपपुराण मुख्य विषय देव-तत्त्व / क्षेत्र विशेषता
7 शिवधर्म पुराण शिव-भक्ति, धर्म, आचार शिव शैव आचारों का मूल स्रोत
8 शिवधर्मोत्तर योग, सदाचार, मनोविज्ञान शिव मानसिक-शारीरिक अनुशासन
9 कालिका पुराण शक्तितत्त्व, तन्त्र, कामाख्या देवी कामाख्या शक्ति-पीठ का महात्म्य
10 भैरव/तन्त्र पुराण तन्त्र, रक्षण-उपासना भैरव शैव-शाक्त तन्त्र पर ग्रंथ
11 वामन संहिता / वामनकल्प यज्ञ-विधि, व्रत वामन वैदिक-यज्ञ परंपरा
12 रुद्रयामल तन्त्र, यामल-मार्ग रुद्र 64 योगिनियों, तन्त्र-साधना
क्र. उपपुराण मुख्य विषय देव-तत्त्व / क्षेत्र विशेषता
13 सूर्य पुराण सूर्य-तत्त्व, उपासना, व्रत सूर्य सूर्य-नमस्कार, सूर्य-व्रत
14 पितृ पुराण श्राद्ध, पितृ-कर्म, नरक-कल्प पितृदेव पितृ-ऋण और श्राद्ध-विधि
15 वायु उपपुराण वायु-तत्त्व, भूगोल, ब्रह्मांड वायु पृथ्वी-भौगोलिक ज्ञान
16 पाराशर पुराण ज्योतिष, स्मृति, धर्म पराशर ऋषि पराशर-स्मृति और ज्योतिष
17 गणेश पुराण गणेश-उत्पत्ति, लीला, व्रत गणेश गणपति-उपासना की विस्तृत विधि
18 नन्दी पुराण शिव-गण, नन्दी-भक्ति नन्दी काशी, कैलास, शिव-लोक वर्णन

संक्षिप्त सार (गुण/विषय अनुसार)

वैष्णव समूह (1–6)

– धर्म, कला, सांख्य, विद्या, नरसिंह-तत्त्व
पथ: भक्ति + ज्ञान

शैव–शाक्त समूह (7–12)

– शिवधर्म, योग, तन्त्र, शक्तितत्त्व
पथ: योग + तन्त्र + रक्षण

ब्रह्म/अन्य समूह (13–18)

– सूर्य, पितृ, भूगोल, स्मृति, गणेश, नन्दी
पथ: कर्म + ज्योतिष + लोकज्ञान

#SanatanDharma, #HinduGranth, #Ved, #Upanishad, #Puran, #Itihas, #Agam, #Tantra, #Smriti, #Shruti, #Dharmashastra, #VedicLiterature, #HinduReligion, #SanatanGranth, #IndianCulture, #HinduScriptures

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here