रविदेव (सूर्य देव) को प्रसन्न करने के लिए वेदों और पुराणों में कई प्रभावशाली मंत्र बताए गए हैं। सूर्य देवता को ऊर्जा, जीवन शक्ति, आरोग्य और आत्मबल का स्रोत माना जाता है। नीचे कुछ अचूक और प्रभावशाली मंत्र दिए जा रहे हैं जो रविदेव को प्रसन्न करने हेतु प्रयोग में लाए जा सकते हैं:
🌞 1. आदित्य ह्रदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra)
यह स्तोत्र वाल्मीकि रामायण में आता है, और भगवान राम ने युद्ध में रावण को पराजित करने से पहले इसका पाठ किया था। यह अत्यंत प्रभावशाली और शक्तिशाली स्तोत्र है।
🌞 2. सूर्य बीज मंत्र (Surya Beej Mantra)
📜 “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः॥”
👉 जप विधि: प्रतिदिन सूर्योदय के समय लाल आसन पर बैठकर इस मंत्र का 108 बार जप करें। इससे आत्मबल, स्वास्थ्य और तेज में वृद्धि होती है।
🌞 3. गायत्री मंत्र (सूर्य के लिए विशेष)
📜 “ॐ भास्कराय विद्महे महातेजाय धीमहि, तन्नो आदित्यः प्रचोदयात्॥”
👉 यह सूर्य गायत्री मंत्र है, जो सूर्यदेव की कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है।
🌞 4. सूर्य नमस्कार मंत्र
प्रत्येक सूर्य नमस्कार की मुद्रा के साथ एक मंत्र होता है। आप 12 नामों का जप करके सूर्य को नमन कर सकते हैं:
📜 “ॐ मित्राय नमः
ॐ रवये नमः
ॐ सूर्याय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ खगाय नमः
ॐ पुष्णे नमः
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
ॐ मरीचये नमः
ॐ आदित्याय नमः
ॐ सवित्रे नमः
ॐ अर्काय नमः
ॐ भास्कराय नमः”
🌅 जप और पूजन की विधि:
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प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठें।
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स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें (लाल रंग शुभ माना जाता है)।
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तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत और कुश डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
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उपरोक्त मंत्रों में से किसी एक या अधिक मंत्र का 108 बार जप करें।
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मन में अपने उद्देश्य या प्रार्थना को स्पष्ट रखें।
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