6 बड़े ग्रहों का होगा राशि परिवर्तन, जानिए किन राशियों पर होगा असर?

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मई 2025: ग्रहों का गोचर और उसका प्रभाव

मई 2025 का महीना खगोलीय दृष्टि से बहुत खास रहने वाला है। इस महीने 6 ग्रह अपनी स्थिति बदलेंगे, जिनमें बुध दो बार राशि परिवर्तन करेगा। ग्रहों की चाल का असर हमारे जीवन के कई पहलुओं पर पड़ता है, जैसे नौकरी, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रेम जीवन और धन संबंधी मामलों पर।

ग्रहों का गोचर इस तरह रहेगा:

  • 7 मई 2025

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    • बुध मेष राशि में प्रवेश करेगा।

    • असर: सोचने-समझने की ताकत बढ़ेगी, बातचीत में सुधार होगा। शिक्षा और व्यापार के लिए अच्छा समय रहेगा।

  • 14 मई 2025

    • गुरु (बृहस्पति) मिथुन राशि में प्रवेश करेगा।

    • असर: पढ़ाई, शादी और धार्मिक कामों से जुड़े मामलों में अच्छा समय आएगा। भाग्य भी साथ देगा।

  • 15 मई 2025

    • सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करेगा।

    • असर: आत्मविश्वास बढ़ेगा। करियर में आगे बढ़ने के अच्छे मौके मिलेंगे।

  • 18 मई 2025

    • राहु कुंभ राशि में और केतु सिंह राशि में प्रवेश करेंगे।

    • असर: सोच में स्पष्टता आएगी, लेकिन रिश्तों में कुछ बदलाव हो सकते हैं।

  • 23 मई 2025

    • बुध वृषभ राशि में प्रवेश करेगा (दूसरी बार)।

    • असर: पैसों के मामले में सतर्क रहना जरूरी होगा। फिजूल खर्च से बचने की सलाह है।

  • 31 मई 2025

    • शुक्र मेष राशि में प्रवेश करेगा।

    • असर: प्रेम संबंध, कला और रचनात्मक कार्यों में उत्साह बढ़ेगा। नई शुरुआत के अच्छे मौके बनेंगे।


12 राशियों पर प्रभाव:

  • अच्छा असर: मिथुन, वृश्चिक, मकर और मीन

  • कुछ कठिनाइयाँ: वृषभ, सिंह, तुला और कुंभ

  • मिलाजुला असर: मेष, कर्क, कन्या और धनु


संभावित बड़े बदलाव:

  • व्यापार में तेजी आ सकती है।

  • देश में कहीं ज्यादा बारिश, तूफान, बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक घटनाएं हो सकती हैं।

  • यातायात दुर्घटनाओं का खतरा रहेगा (बस, ट्रेन, जहाज)।

  • संक्रमण वाली बीमारियाँ बढ़ सकती हैं।

  • राजनीति में बड़े बदलाव और संघर्ष के संकेत हैं।

  • आंदोलन, हड़ताल, घोटाले और आगजनी जैसी घटनाएँ हो सकती हैं।

  • रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे, आय में भी सुधार हो सकता है।


क्या करें:

  • “हं हनुमते नमः”, “ऊँ नमः शिवाय” और “हं पवननंदनाय स्वाहा” मंत्रों का जाप करें।

  • रोज सुबह और शाम सरसों के तेल का दीपक हनुमानजी के सामने जलाएं।

  • शाम को 7 बजे के बाद हनुमान मंदिर में लाल मसूर की दाल चढ़ाएं।

  • हनुमानजी को पान और बूंदी के दो लड्डू का भोग लगाएं।

  • महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

  • माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की पूजा करें।

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