सोमवार को कौन से काम करना है वर्जित

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हिन्दू धर्मशास्त्रों और परंपराओं के अनुसार, सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से शिवजी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही, कुछ कार्य ऐसे माने जाते हैं जिन्हें सोमवार के दिन करना वर्जित या अशुभ माना गया है। ये निषेध मुख्यतः लोक परंपराओं, धार्मिक मान्यताओं और पंचांग शास्त्र पर आधारित होते हैं।

सोमवार को वर्जित कार्य (कार्य जो नहीं करने चाहिए):

  1. बाल कटवाना या नाखून काटना:
    – धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार को बाल और नाखून काटना वर्जित माना जाता है क्योंकि यह अशुभ फल देने वाला होता है।

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  2. ऋण (कर्ज) लेना या देना:
    – सोमवार को ऋण लेने या चुकाने से व्यक्ति पर आर्थिक संकट बना रहता है और कर्ज से मुक्ति कठिन हो जाती है।

  3. यात्रा की शुरुआत करना:
    – विशेषकर दक्षिण दिशा की यात्रा सोमवार को नहीं करनी चाहिए। इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या विघ्न आ सकते हैं।

  4. मांसाहार और नशा करना:
    – यह दिन व्रत, तप और शुद्धता का माना गया है। इस दिन मांस, शराब या अन्य किसी प्रकार का नशा करना शिव की कृपा से वंचित कर सकता है।

  5. धातु या कीमती वस्तुएं खरीदना:
    – कुछ परंपराओं में सोमवार को सोना, चांदी या अन्य कीमती धातुएं खरीदना वर्जित माना जाता है, क्योंकि इससे धन हानि हो सकती है।

  6. वैवाहिक या मांगलिक कार्य:
    – सोमवार को शादी या सगाई जैसे शुभ कार्य सामान्यतः टाले जाते हैं, विशेषकर यदि पंचांग अनुमति न दे।

  7. बाल धोना (केश स्नान):
    – कुछ मान्यताओं के अनुसार सोमवार को सिर धोने से माता-पिता की सेहत पर असर पड़ता है। यह विशेषकर महिलाओं के लिए माना जाता है।

इन नियमों का पालन करने का उद्देश्य आत्मसंयम, श्रद्धा और नियमितता को बढ़ावा देना होता है।

इसके अलावा सोमवार को कुछ कार्य करने से बचने की सलाह भी जाती है, खासकर ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार। राज पंचक नामक योग सोमवार को पड़ता है, जिसके दौरान कुछ कार्य वर्जित माने जाते हैं।

आमतौर पर, सोमवार को निम्नलिखित कार्य करने से बचने की सलाह दी जाती है:

घर की छत डालना – इस दिन निर्माण कार्य, विशेष रूप से छत डालने से बचना चाहिए।

लकड़ी इकट्ठा करना या खरीदना – मान्यता है कि इससे अनावश्यक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

पलंग या चारपाई खरीदना – इसे अशुभ माना जाता है, इसलिए पंचक समाप्त होने के बाद ही खरीदारी करें।

दक्षिण दिशा की यात्रा – यदि यात्रा आवश्यक हो, तो हनुमान जी की पूजा करके ही प्रस्थान करें।

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