
ब्रह्म मुहूर्त एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली समय माना जाता है, जो हिन्दू शास्त्रों और आयुर्वेद में विशेष रूप से उल्लेखित है। यह दिन के 24 घंटों में वह समय होता है जब वातावरण, शरीर और मन सबसे अधिक शुद्ध और शांत होते हैं।
🌄 ब्रह्म मुहूर्त क्या है?
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समय: सूर्योदय से लगभग 1 घंटा 36 मिनट पूर्व से लेकर 48 मिनट पूर्व तक का समय।
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यह काल लगभग सुबह 3:30 से 5:30 बजे के बीच आता है, जो स्थान और ऋतु के अनुसार थोड़ा बदल सकता है।
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“ब्रह्म” का अर्थ है “परमात्मा या ज्ञान”, और “मुहूर्त” का अर्थ है “विशिष्ट काल”। अर्थात यह ज्ञान, ध्यान और आत्मिक जागरण का समय है।
✅ ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे:
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मानसिक शांति और स्पष्टता:
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वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा होती है।
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ध्यान और प्रार्थना में गहरी एकाग्रता मिलती है।
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बेहतर स्वास्थ्य:
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आयुर्वेद के अनुसार, यह शरीर के वात दोष को संतुलित करता है।
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फेफड़ों को शुद्ध वायु मिलती है जिससे ऑक्सीजन का अवशोषण अधिक होता है।
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बुद्धि और स्मृति में वृद्धि:
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इस समय पढ़ाई या स्वाध्याय करने से याददाश्त बेहतर होती है।
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विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी समय।
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आध्यात्मिक लाभ:
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ईश्वर भक्ति, ध्यान, जप, योग आदि से आत्मा का उत्थान होता है।
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आत्मा और परमात्मा के बीच संबंध सशक्त होता है।
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दिन भर की ऊर्जा और प्रेरणा:
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ब्रह्म मुहूर्त में उठने से दिन भर ऊर्जावान और प्रसन्नता बनी रहती है।
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🕉️ ब्रह्म मुहूर्त में क्या करें?
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जल्दी उठें (सुबह 4 से 5 बजे के बीच)
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मौन रहकर कुछ देर बैठें – मन की शुद्धि के लिए।
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ध्यान (Meditation) करें – आत्मसाक्षात्कार हेतु।
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प्राणायाम और योग – शरीर और मन दोनों को संतुलन में लाता है।
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वेद, भगवद्गीता, उपनिषद आदि का पाठ/स्वाध्याय करें।
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संकल्प लें – सकारात्मक विचारों और कर्मों का।
❌ ब्रह्म मुहूर्त में क्या न करें:
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मोबाइल या टीवी का उपयोग न करें – यह ध्यान को भटकाता है।
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भारी भोजन न करें – उपवास या हल्का जल पीकर दिन की शुरुआत करें।
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सोते न रहें – इस समय नींद का त्याग कर आध्यात्मिक जागरण करें।
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नकारात्मक बातें या विचार न लाएं – मन को शांत और सकारात्मक रखें।
📿 निष्कर्ष:
ब्रह्म मुहूर्त में उठना केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक रूप से लाभकारी दिनचर्या है। यह समय आपको आंतरिक शांति, सशक्त मस्तिष्क, और आध्यात्मिक ऊँचाई प्रदान कर सकता है। इसे अपनाना जीवन को नई दिशा दे सकता है।
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