श्री राम कृपा प्राप्त करने का विशेष मंत्र

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महर्षि बाल्मीकि मरा-मरा रटते-रटते राम-राम कहने लगे। ऐसा है राम नाम का महत्व। राम का नाम लेने मात्र से ही कलयुग में कल्याण हो जाता है। दुखों का अंत हो जाता है, जो भगवान राम की शरण में जाता है, उसके जीवन के समस्त दुखों का अंत निश्चित है। राम नाम की महिमा बताते हुए हम आपको आगे राम जी से सम्बन्धित अत्यन्त महत्वपूर्ण मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए उपयोगी सिद्ध होंगे। बशर्तें सच्चे मन-वचन व कर्म का निर्वहन करते हुए भगवान श्री राम को नमन किया जाए।

तो कहुॅँ प्रभु कुछ अगम नहिं, जापार तुम्ह अनुकूल।
तब प्रभाव बड़वानलहि, जारि सकइ खलु तूल।।
रुद्राक्ष की माला पर 1००० मंत्र प्रतिदिन जपें और 51 दिन तक ऐसा करें। इस मंत्र के बड़े ही चमत्कृत करने वाले प्रभाव है।
1- राई को 1०8 बार इस मंत्र से शक्तिकृत करके शत्रु गृह में फेंकने से वह शत्रुता त्याग देता है।
2- मिट्टी की एक कंकड़ी लेकर इस मंत्र से 1०8 बार शक्तिकृत करके शत्रु की पीठ पर मारने से शत्रु सदा-सदा के लिए वशीभूत हो जाता है।
3- काँसे की कटोरी में गंगाजल भरकर इस मंत्र से 1०8 बार शक्तिकृत करके रोगी को सात दिन तक पिलाने से कठिन से कठिन रोग भी शांत हो जाता है।
4- इलायची को 51 बार इस मंत्र से शक्तिकृत करके किसी को खिलाने से वह मोहित हो जाता है।
5- जब किसी को किसी तांत्रिक अभिचार से बांध दिया गया हो तो रोगी के सिर से पांव तक काला सूत नापकर इस मंत्र से 1०8 बार शक्तिकृत करके रोगी के सिर पनर रख दें। कुछ समय के बाद इस सूत को आक के वृक्ष पर बांध आयें।

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