यात्रा से पूर्व जानिए शकुन-अपशकुन, दिशाशूल भी, निदान भी

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2010

प्रकृति हमे संकेत देती है। जरूरत है, उन संकेतों को समझने की। उन्हें समझ कर सतर्क होने की। हम आपके सम्मुख भयभीत करने या फिर किसी अन्य कारण से ये लेख नहीं प्रस्तुत कर रहे है, बल्कि इसलिए प्रस्तुत कर रहे है, कि ताकि आप इन संकेतों के आधार पर उचित निर्णय लेकर स्वयं को तैयार कर सकें। यदि यात्रा के लिए घर से निकलते ही वेदादि पढ़ते ब्राह्मण, गाय, हाथी, नृत्य करती वैश्या, मश्क भरी हुई, कलश, भंगी भरी हुई डलिया के साथ, कबाड़ी, गीत गाती वैश्या, बाजा बजे, घंटा बजे, खिले हुए पुष्प,, माली पुष्पों के साथ,, कन्या, फूल-माला पहने कन्या, सजी संवरी हुई कन्या, सुहागिन स्त्री, मां-बेटा आदि शकुन के समय शुभ होते हैं।

वार के हिसाब से दिशाशूल

यात्रा सभी को करनी पड़ती है। कभी-कभी यह यात्रा शुभ तो कभी अशुभ फल प्रदान करती है, इसलिए इस विषय में यात्रा के समय दिशाशूल का विचार करना बेहद आवश्यक हो जाता है।
सोमवार– पूर्व में दिशाशूल रहता है।
मंगलवार– उत्तर दिशा में दिशाशूल रहता है।
शनिवार– पूर्व दिशा में ही दिशाशूल रहता है।
रविवार– पश्चिम दिशा में दिशाशूल रहता है।
शुक्रवार– पश्चिम दिशा में दिशाशूल रहता है।
गुरुवार– दक्षिण दिशा में दिशाशूल होता है।
मंगलवार– उत्तर दिशा में दिशाशूल होता है। इसे भी मंगलवार की भांति विचारें। आमतौर पर दिशाशूल के समय उक्त दिशाओं की यात्रा स्थगित कर देनी चाहिए। यही श्रेयस्कर होता है।

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क्या हैं विद्बानों के विचार

यात्रा के विषय में विद्बानों के अलग-अलग विचार हैं। यथा देव गुरु बृहस्पति का कथन है कि शकुन देखकर ही यात्रा करें।

गर्ग मुनि का कथन है कि रात्रि की श्ोष पांच घड़ियां रहें तो यात्रा करें।
जनार्दन ऋषि कहते हैं कि ब्राह्मण की आज्ञा लेकर यात्रा को आरम्भ करना चाहिए।
अंगिरा ऋषि का कहना है कि मन कुपित न हो, कोई भय या संशय न हो अर्थात मन पूरी तरह से प्रसन्न हो, तभी यात्रा करना उचित होता है।

यात्रा यदि आवश्यक हो तो ऐसा करके यात्रा करें

यात्रा के लिए दिशाशूल आदि का विचार करने के बाद भी यात्रा करना अत्यन्त आवश्यक हो और दिशाशूल लग गया हो तो निम्न सामग्री को दिन के अनुसार ग्रहण करके यात्रा शुरू करें। इससे दिशाशूल की समाप्ति हो जाती है।
रविवार- गुड़, लाल चंदन, पान लाल सुपारी युक्त।
सोमवार- रबड़ी, श्वेत चंदन, मसूर, गेहूं।
मंगल- गुड़, लाल चंदन, मसूर व गेहूं।
बुधवार- पिश्ता, मूंग का हलुवा, पान कस्तुरी।
गुरुवार- गुड़, बेसन का हलुवा, लाल चंदन।
शुक्रवार- दही, बर्फी काजू, पान कर्पूर युक्त।
शनिवार- चने, तिल, उड़द, आंवला, पान लौंग युक्त।

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