औरैया में चार जमाती पाजीटिव, शामली में तीन जमाती कोरोना पाजीटिव, दो बांग्लादेशी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औरैया जिले के खानपुर की एक मस्जिद में पाये गये तब्लीगी जमातियों में से चार के कोरोना पाजीटिव होने की पुष्टि हुयी है। 

जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने शनिवार को बताया कि गुरूवार को 13 तब्लीगी जमाती खानपुर स्थित कुरैशियन मस्जिद में पाये गये थे, जिन्हें जिला अस्पताल चिचैली आइसोलेट किया गया था और उनके सेम्पल जांच के लिये भेजे गये थे। उन्होने बताया कि 11 की जांच रिपोर्ट आ गयी है जिसमें 4 कोरोना पाॅजटिव पाये गये है।
उन्होने बताया कि कोरोना संक्रमित पाये गये लोगों को दिवियापुर में बनाये गये लेबल वन एमसीएच विंग में शिफ्ट कर दिया गया है जबकि अन्य को क्वारंटीन कर दिया गया है। जिस गांव खानपुर में यह लोग रूके थे वहाँ से तीन किलो मीटर की एरिया को नगर पालिका, जिला पंचायत राज अधिकारी व सीएफओ फायर विग्रेड के माध्यम से तत्काल सीनेटाइज कराया जायेगा।
स्वास्थ्य विभाग की टीम तीन किमी एरिया के प्रत्येक परिवार के हर व्यक्ति के फीवर व लक्षण की जांच करेगी। इसके अलावा वहां पर सख्ती के साथ लाॅकडाउन का पालन कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि 15-16 मार्च को इनकी लोकेशन निजामुद्दीन मरकज दिल्ली के आसपास की आयी है।
इधर, दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से शामली जिले में आई जमात में शामिल तीन कोरोना पाजीटिव में दो बांग्लादेशी शामिल है।
जमातियों के कोरोना पॉजिटिव मिलने से सतर्क स्वास्थ्य विभाग अब ऐसे लोगों को चिन्हित करने में जुट गया है जो उक्त तीनों जमातियों के संपर्क में आए हैं। अभी 12 लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है। थाना भवन क्षेत्र के गांव भैंसानी इस्लामपुर में मिले पॉजिटिव लोगों में दो बांग्लादेशी व एक आसाम का निवासी है। तीनों को झिंझाना सीएचसी में बनाए गए कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इससे पूर्व जिले के एक युवक भी कोरोना पॉजिटिव आया था लेकिन उसकी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने से स्वास्थ्य विभाग व पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली थी। पुलिस और खुफिया विभाग लगातार ऐसे जमातियों की तलाश में जुटा है जो दिल्ली से जिले में आए हैं और अपने आने की सूचना प्रशासन को नहीं दी है।
आशंका है कि इन तीनों लोगों का काफी संख्या में लोगों से संपर्क हुआ होगा। 18 मार्च को बांग्लादेश से 12, असम से 2 समेत कुल 15 जमाती थानाभवन क्षेत्र के गांव भैंसानी इस्लामपुर आए थे। ये जमाती केवल मस्जिदों तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि इनके अन्य लोगों के घरों में भी जाने की बात सामने आ रही है जो चिंता का विषय है।

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