मंगलवार को रालोद प्रमुख अखिलेश से मिले, राजभर पश्चिमी यूपी की पिछड़ी जातियों में घूमे

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छोटे दलों से सपा के गठबंधन से छिनेगी भाजपा की सत्ता!

मंगलवार को रालोद प्रमुख अखिलेश से मिले, राजभर पश्चिमी यूपी की पिछड़ी जातियों में घूमे

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की सूझ-बूझ से बनाये गये गठबंधन ने भाजपा की नींद हराम कर दिया है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बड़े संसाधनों और इवेंट के सहारे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तरह यूपी में उतर चुका है। जबकि अखिलेश यादव चुप-चाप छोटे दलों के साथ सधा गठबंधन बना कर युवाओं के जोश के साथ उतरे हैं। विधायक 2022 को लेकर मंगलवार को राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी ने समाजवादी पार्टी  के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की। माना जा रहा है कि दोनों दल जल्द ही गठबंधन और सीट शेयरिंग की घोषणा कर सकते हैं। दोनों नेताओं के बीच आज करीब 1 घंटे तक बंद कमरे में बैठक हुई। इस बैठक के बाद

जयंत चौधरी ने मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘बढ़ते कदम’। इसके बाद अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया। उन्होंने फोटो के साथ लिखा, जयंत चौधरी जी के साथ बदलाव की ओर..’। सीटों के बंटावारे को लेकर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच पहले राउंड की बैठक थी। हालांकि दोनों गठबंधन की घोषणा कर चुके हैं लेकिन अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है।बता दें कि मंगलवार को मुजफ्फरनगर में सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि भाजपा ने पिछड़ों को ठगा है। 2022 में भाजपा को सत्ता से बाहर बैठा कर ही बैठूंगा।

सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को दोनों ही नेता गठबंधन का एलान कर सकते हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। जयंत ने सपा से 50 सीटों की मांग की थी। जबकि सपा नेतृत्व रालोद को 30 से 32 तक सीट देने की पेशकश की है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के एक सीनियर नेता ने कहा था कि, सहयोगी दलों को गठबंधन के तहत अधिकतम 50 से 55 सीटें ही दी जाएंगी। इनमें रालोद के अलावा ओम प्रकाश की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और रालोद सहित अन्य छोटे दल भी शामिल हैं। ऐसे में रालोद के हस्सिे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 25 और सुभासपा को पूर्वांचल की दर्जन भर से अधिक सीटें मिलने की उम्मीद है। बता दें कि, अखिलेश यादव कई मौकों पर साफ कर चुके हैं कि वह यूपी चुनाव में छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे

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