यूपी में फिर से छिड़ सकता है गैंगवार!

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गिरधारी के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने कुंटू का जेल बदल कर हाईसिक्योरिटी बैरग में डाला

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। अजीत सिंह हत्याकांड में शामिल मुख्य शूटर गिरधारी ने पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के पहले जो राज खोले हैं उससे पूर्वांचल के आपराधिक जगत में भूचाल आ गया है। सोमवार को आनन-फानन में आजमगढ़ जेल में बंद अजीत सिंह की हत्त्याकांड के आरोपी ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू को कासगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया। जेल महकमें से जुड़े सूत्रों की मानें तो वहां उसे अन्य कैदियों से दूर रखा जाएगा। ध्रुव सिंह के लिये जेल में बना हाई सिक्योरिटी बैरक साफ कराया गया है। कुंटू पर 65 आपराधिक केस चल रहे हैं।

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कुंटू सिंह की फोटो

बताया जा रहा है कि एनकाउंटर से पहले रिमाण्ड के दूसरे दिन रविवार को उसने पुलिस के सामने कई खुलासे किए थे। पूछ-ताछ में गिरधारी ने बताया कि घटना के दिन घायल राजेश तोमर के इलाज के लिये जब चिनहट में अवध बस स्टेशन के पास अपार्टमेंट में डॉक्टर बुलाया गया तो वह भी वहां पर था। वह हत्या के बाद स्कूटी से इस अपार्टमेंट तक पहुंचा था। फिर यहां से वह स्कूटी से ही पीजीआई के पास पहुंचा जहां आजमगढ़ के एक ब्लाक प्रमुख (एसआई) द्वारा भेजी गई स्कार्पियो मिली। इसमें मौजूद युवक को उसने मोबाइल व दो असलहे दिये। फिर इस गाड़ी को उसने ले लिया और युवक स्कूटी लेकर चला गया।

गिरधारी ने बताया है कि उसे इस हत्याकाण्ड के लिये आर्थिक मदद भी कुंटू व अखण्ड के कहने पर मिलती रही। कुंटू के एक दोस्त ने अंकुर व बंधन के खाते में हत्या से पहले काफी रकम जमा की। फिर इन दोनों ने उसे यह रकम नगद दी थी। गिरधारी ने बताया कि वाराणसी पुलिस ने जब उस पर हत्या के मामले में एक लाख रुपये इनाम घोषित किया तो वह लखनऊ भाग आया था।जुलाई 2020 में अंकुर ने अपने नाम से अलकनंदा अपार्टमेंट में एक फ्लैट किराये पर लिया था। यहां रहकर ही वह प्रापर्टी डीलिंग करने लगा था। यह बात रिमाण्ड पर लिये गये शूटर संदीप सिंह उर्फ बाबा ने भी कुबूली थी। यहां रहने के दौरान ही कुंटू ने उससे अजीत की हत्या के लिये सम्पर्क किया था। तब वह जेल में उससे मिलने भी गया था।

गिरधारी ने बताया कि अजीत सिंह की हत्या के बाद वह लखनऊ से दिल्ली चला गया था।फिर बाहुबली के कहने पर ही वह एक मॉल में गया।उसे कहा गया था कि कुछ देर बाद दिल्ली पुलिस आयेगी और उसे पकड़ लेगी।फिर ऐसा ही हुआ, नाटकीय गिरफ्तारी के बाद वह तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। पुलिस का दावा है कि गिरधारी के एक नम्बर का पता चला है जिसमें सिर्फ पांच काल ही हुई है, अंतिम काल बाहुबली पूर्व सांसद की बतायी जा रही है। रविवार को उसने डीसीपी संजीव सुमन, विवेचक चन्द्रशेखर, एडीसीपी कासिम व अन्य अफसरों के सामने कई सनसनीखेज खुलासे किये। गिरधारी की रिमाण्ड 13 जनवरी को शुरू होकर 16 फरवरी की सुबह 11 बजे तक थी।

इस मामले में अभी तक पुलिस को शूटर रवि यादव के बारे में नहीं पता चल पा रहा था। अब रवि यादव के बारे में काफी जानकारी मिल गई है। रवि आजमगढ़ के ओच्छवां गांव का रहने वाला है। उद्यम सिंह का वह करीबी बताया जाता है। साथ ही उसके सम्बन्ध सुनील राठी गिरोह से भी रहे है। पुलिस का कहना है कि रवि यादव, राजेश तोमर व मुस्तफा कोर्ट में समर्पण करने की फिराक में है।

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