“लगाव”:अंतिम क्षणों में उन्होंने मुझे वह क्रीम स्वेटर सौंपते हुए कहा……

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सुबह से ही मि.कपूर बहुत परेशान नजर आ रहे थे ।उनका पसंदीदा क्रीम स्वेटर नहीं मिल रहा । मिसेज कपूर से तर्क -वितर्क कर रहे थे कि तुमसे चीज नहीं संभाली जाती। मिसेज कपूर उन्हें समझाने का प्रयत्न कर रही थी कि उन्हें याद नहीं रहा शायद पिछले सर्दियां गुजरने के पश्चात क्रीम स्वेटर ड्राईक्लीन में दिया था या बिट्टू के विवाह में गए वहीं रह गया ।अब क्या करें ! अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पा रहे कि वह स्वेटर उन्हें कितना अजीज है हां उन्हें अपना बचपन याद आ रहा है ,जब उनकी मां कैंसर जैसी लंबी बीमारी से जूझ रही थी और अपने आखिरी दिनों में उन्होंने जिद में आकर बड़े जतन से पिताजी के लिए वह क्रीम स्वेटर बुना था। मां के देहांत के पश्चात पिताजी स्वेटर को सहेज कर रखते रहे ,हर सर्दियों में उसे पहन लेते और मां का एहसास उनका प्यार अपने अंदर महसूस करते रहे । समय गुजरता गया पिताजी भी लंबे समय तक मेरा साथ ना दे पाए अपने अंतिम क्षणों में उन्होंने मुझे वह क्रीम स्वेटर सौंपते हुए कहा बेटा इसमें तेरी मां ,मेरा प्यार आशीर्वाद सदा तेरे साथ रहेगा उस दिन से लेकर आज तक मिस्टर कपूर को वह स्वेटर जान से प्यारा हो गया ।उम्र के इस पड़ाव पर वह क्या कहते कि मां -बापू जी को क्रीम स्वेटर पहन कर अपने अंदर आज भी महसूस करते हैं। मिसेज कपूर फोन करके पता कर रही हैं कि स्वेटर कहां रह गया बिट्टू को फोन करने के पश्चात वह प्रसन्न मुद्रा में मि. कपूर से कहती हैं तुम्हारा स्वेटर मिल गया ,बिट्टू लेकर आ रहा है मिस्टर कपूर के चेहरे पर स्मित अंकित हो जाती है ।

डा• ऋतु नागर
(स्वरचित)

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