मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अब ईडी का शिकंजा

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नईदिल्ली/ जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अब ईडी का शिकंजा कसेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के परिजनों पर शिकंजा कसना हो गया है।  फर्टीलाइजर घोटाला प्रकरण मेें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन के मकान व प्रतिष्ठानों पर गुरुवार देर रात तक चली कार्रवाई के बाद यहां से चार मोबाइल, कंप्यूटर हार्ड डिस्क के साथ महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त किया है। कार्रवाई के बाद टीम यहां से रात को रवाना हो पाई। 
 
राजस्थान में चल रही सियासी घमासान के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को सीधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के परिजनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। ईडी की एक टीम ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के यहां पर 7 करोड़ के फर्टिलाइजर स्कैम मामले में छापा डाला था। कोरोना से बचने के लिए पीपीई किट पहनकर पहुंची ईडी की टीम ने अग्रसेन गहलोत के मंडोर स्थित घर, दुकान व फार्म हाउस पर तलाशी अभियान चलाया। हथियारबंद केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की कड़ी सुरक्षा के बीच इन जगहों पर जांच की गई।
 
प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच आयकर विभाग व ईडी ने सबसे पहले मुख्यमंत्री के करीबी दो लोगों के यहां छापे मारे थे और अब ईडी सीधे गहलोत के घर पर ही पहुंच गई है। ईडी जिस मामले की जांच करने पहुंची वह काफी पुराना है और गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान गहलोत को घेरने के लिए सबसे पहले भाजपा ने उर्वरक घोटाले के रूप में इस मामले को उछाला था। अग्रसेन के पावटा सर्किल के पास स्थित अनुपम कृषि नामक फर्म पर भी जाचं की गई थी। गहलोत पर आरोप था कि जो उर्वरक किसानों को सस्ती दर पर उपलब्ध कराया जाता है। उसमें प्राइवेट कंपनियों को शामिल कर घोटाला किया गया। अग्रसेन गहलोत ने इंडियन पोटाश लिमिटेड से एमओपी खरीद कर किसानों को उर्वरक उपलब्ध नहीं कराया। इसके बजाय उन लोगों को बेच दिया, जो इसका निर्यात करते हैं। इस प्रक्रिया से अग्रसेन गहलोत ने काफी पैसा कमाया। गहलोत को सारा भुगतान नकद किया गया। अग्रेसन गहलोत पर ये भी आरोप थे कि उन्होंने अपनी फर्म के दस्तावेजों में हेरफेर कर दर्शा दिया कि एमओपी के जरिये मिला पोटाश किसानों को वितरित किया जा चुका है जबकि वास्तव में ऐसा नहीं हुआ था और इसे निर्यात कर मोटी रकम बनाई गई। उस समय अग्रसेन गहलोत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा था कि हो सकता है कि कुछ बिचौलियों ने किसानों के नाम पर उनसे एमओपी खरीद कर उसका निर्यात कर दिया हो।
 
फर्टीलाइजर स्कैम मामला
वर्ष 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की कमान गहलोत ने थाम रखी थी। उस समय भाजपा ने गहलोत पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि वर्ष 2007 से 2009 के बीच राजस्थान में उर्वरक सब्सिडी में चोरी का एक बड़ा मामला हुआ था। केन्द्र में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार थी। उर्वरक घोटाले का यह मामला कस्टम अधिकारियों द्वारा माल के पकड़े जाने के बाद जानकारी में आया, क्योंकि उर्वरक घरेलू खपत के लिए मान्य है और इसका निर्यात प्रतिबंधित है। 
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