307 के आरोपी को पुलिस खोजती रह गयी, भाजपाइयों ने पार्टी में शामिल करा लिया, कानूनराज की खुली पोल!

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। मेरठ में इंचौली थाना क्षेत्र के मसूरी गांव में बसपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य अरुण चौधरी व उसके दोस्त ईशु ने भाजपा कार्यकर्ता इंद्रजीत सिंह पर जानलेवा हमला किया था, जिसका मुकदमा दर्ज है। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उसके वोट की कीमत इतनी भारी पड़ गयी कि अब भाजपाइयों ने सारे सिद्धांतों को तिलांजलि देते हुए न सिर्फ उसे पार्टी में शामिल कर लिया बल्कि स्थानीय सांसद ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के मुकदमे को चुनावी मुकदमा बताया।

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जानलेवा हमले के वांछित जिला पंचायत सदस्य अरुण चौधरी ने भाजपा का दामन थाम लिया। बागपत रोड स्थित भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय पर अरुण को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। कार्यक्रम में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, विधायक दिनेश खटीक समेत अन्य नेता मौजूद रहे। अरुण पर मुकदमा दर्ज होते ही भाजपा नेताओं ने उसे संरक्षण में ले लिया था।

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इंचौली थाना क्षेत्र के मसूरी गांव में बसपा के समर्थन से जीते जिला पंचायत सदस्य अरुण चौधरी ने 10 मई को भाजपा कार्यकर्ता इंद्रजीत पर हमला किया था। वह हाथ में पिस्टल लेकर उसके पीछे दौड़ रहा था। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। पीड़ित ने अरुण चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होते ही भाजपा नेताओं ने अरुण पर डोरे डालने शुरू कर दिए। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अरुण से वोट लेना भाजपा नेताओं के सामने चुनौती थी, क्योंकि अरुण बसपा समर्थित था। बताते हैं अरुण भाजपा नेताओं के पास छिपा था। बुधवार को अरुण भाजपा में शामिल हो भी गए और पुलिस को खबर तक नहीं लगी।

कुर्की वारंट की तैयारी
अरुण का गिरफ्तारी वारंट पुलिस ने लिया हुआ है। अब कुर्की वारंट भी लेने की तैयारी है। सवाल उठता है कि वांटेड का वोट कैसे पड़ेगा या फिर सपा सरकार की तरह भाजपा वांटेड की वोट डलवाने में कामयाब होगी। क्योंकि सपा सरकार में भी जेल में बंद योगेश भदौड़ा की वांटेड पत्नी सुमन की वोट भी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में डलवाई गई थी।

चुनावी मुकदमा है

भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि यह चुनावी मुकदमे हैं, अगर 307 का मुकदमा दर्ज है तो पुलिस इसकी जांच करेगी। जबकि एसएसपी अजय साहनी ने कहा कि नामजद जिला पंचायत सदस्य अरुण चौधरी किसी पार्टी में शामिल हुआ है। इसकी पुलिस को जानकारी नहीं है। आईपीसी के तहत पुलिस कार्रवाई करेगी। नामजद आरोपी किस पार्टी में है, इससे पुलिस का कोई लेना देना नहीं है।

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