अग्नि महापुराण के शुभ सपने, जो देते हैं सुख-सौभाग्य

0
1576

सपने में बैल, हाथी, महल की छत, पर्वत शिखर और वृक्ष पर चढ़ना, किसी उच्च प्रकार की सवारी मोटर, हवाई जहाज पर चढ़ना, स्वयं का रोना, शरीर में घी और विष्ठा का लगा हुआ दिखना और अगम्या स्त्री के साथ समागम करना दिखाई दे तो यह स्वप्न भी सुख – समृद्धि , धन – लाभ, पदोन्नति होने वाले बतलाये गये हैं।

सफेद फूलों की माला और सफेद वस्त्र धारण करना, चन्द्रमा, सूर्य और तारों को पकड़ना, परिमार्जन करना, इन्द्र की ध्वजा का आलिंगन करना, ध्वजा को ऊंचे उठाना, पृथ्वी पर पड़ती हुई जल की धारा को अपने ऊपर रोकना, शत्रुओं की बुरी दशा देखना, खीर खाना, रक्त को देखना, रक्त से नहाना, सुरा मद्य अथवा दूध पीना, अस्त्रों से घायल होकर धरती पर छटपटाना, आकाश का स्वच्छ होना तथा गाय, भैंस, सिहनी, हथिनी और घोड़ी को अपने मुंह से दुहना – ये सव उत्तम स्वप्न बतलाये गये हैं। इनका फल इस प्रकार बतलाया गया है।

Advertisment

देवता, ब्राह्मण, गुरु और अपने पूज्य सम्मान करने योग्य व्यक्तियों की प्रसन्नता, गौओं के सींग या चन्द्रमा से गिरे हुए जल के द्बारा अपना अभिषेक होना दिखाई दे तो ये स्वप्न राज प्रदान करते हैं, या राज – सम्मान, पदोन्नति, राज्य से धन – लाभ कराते हैं। अपना राज्याभिषेक होना, मस्तक का कट जाना, मर जाना, आग में पड़ जाना, गृह आदि की आग लगी हुई में भीतर जलना, राज्य चिन्ह छत्र, चंवर , कुर्सी, सिहासन, मुद्रा प्राप्त होना, अपने हाथ में वीणा बजाना ऐसे स्वप्न भी राज्य द्बारा सम्मान, पदोन्नति, लाभ प्रदान करने वाले कहे गये हैं, जो स्वप्न के अन्तिम भाग में राजा, हाथी, घोड़ा, सुवर्ण, बैल तथा गाय को देखता है, उसके कुटुम्ब की वृद्धि होती है।सपने में पर्वत, महल, घोड़े, हाथी और बैल पर चढ़ना हितकर होता है।

अगर पृथ्वी या आकाश में सफेद फूलों से लदे हुए वृक्षों के दर्शन हो, अपनी नाभि से वृक्ष या तिनका उत्पन्न हो, अपनी भुजाएं और मस्तक अधिक दिखाई दें, सिर के बाल पक जायें तो उसका फल उत्तम होता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here