भोजपुर का प्रसिद्ध शिवमंदिर, ग्यारहवीं सदी से जो अब भी अधूरा  

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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 30 किलोमीटर दक्षिण – पूर्व की ओर मुख्य सड़क पर स्थित है भोजपुर, जो शिवमंदिर के लिए प्रसिद्ध है।वर्तमान में यह मन्दिर ऐतिहासिक स्मारक के रूप में भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण के अधीन है। ग्यारहवीं सदी में प्रतापी राजा भोज के राज्यकाल में इस विशाल शिवालय का निर्माण आरंभ हुआ था, किंतु अज्ञात कारणवश मुख्य गर्भगृह के अलावा शेष निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका था। इस भोजेश्वर मंदिर में करीब बीस मीटर ऊंचे पत्थरों से बनाए गए मंडप में विशाल शिवलिंग स्थित है।

सुंदर लाल पत्थर का लगभग 3 मीटर ऊंचा और 6 मीटर व्यास वाले इस महालिंगम् को संसार में सबसे बड़ा माना जाता रहा है। मंदिर के पास ही विशाल जलाशय के अवशेष हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि प्राचीनकाल में यह महत्त्वपूर्ण स्थान रहा होगा। यहां शिवरात्रि के समय में धार्मिक मेला लगता है। थोड़ी दूर पर एक सुंदर जैनमंदिर भी है, जिसमें तीर्थंकर की प्रतिमा स्थित है।

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