निर्दोष राम भक्तों के खून से लाल है सपा नेताओं की टोपी

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इनका चोला समाजवादी+सोच दंगावादी+सपने परिवारवादी हैं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का हवाला देते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान 60 से अधिक हिंदू मारे गए थे और 1,500 से अधिक कैद हुए थे। समाजवादियों की टोपी निर्दोष राम भक्तों के खून से रंगी है। उन्होंने कहा, जो लोग मुरादाबाद, स्याना में आतंक का पर्याय थे वो पांच सालों तक बिल में छिपे थे, लेकिन जैसे ही चुनाव आया वो सभी बाहर आ गए और सोचने लगे की सपा का साथ लेकर अपने मंसूबे फिर से पूरे करेंगे, पर ये नया यूपी है यहां कानून का ही राज है और रहेगा भी।

टिकट बंटवारे को लेकर सपा और बसपा में एक प्रतियोगिता चल रही है कि कौन कितने बड़े अपराधी को टिकट दे दे। उन्होंने कहा कि दंगों के कारण मारे गए निर्दोषों के खून से और निर्दोष रामभक्तों पर गोलियों से जिनकी टोपियां रंगी हुई हों वे लोग आज शांति का उपदेश दे रहे हैं, इन्हें बोलने में जरा भी संकोच नहीं होता। चुनाव में इन्होंने फिर से उन्हीं दागी लोगों को प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने कहा, इनका चोला समाजवादी+सोच दंगावादी+सपने परिवारवादी हैं, यह लोग तमंचावादी हैं।

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उन्होंने कहा, इन तमंचावादियों का उपचार हमारे पास है। सीएम योगी ने कहा, ऐसे तमंचावादियों से हमारी जेसीबी और बुलडोजर निपटना जानते हैं। सीएम योगी ने आगे कहा, सपा सरकार का एक ही विकास दिखाई देता है, वह है कब्रिस्तान की बाउंड्री वॉल का। कब्रिस्तान की बाउंड्री वॉल के बाहर उनका कोई विकास दिखाई नहीं देता, न सड़क का न बिजली का और न ही पानी का। योगी बोले-सपा अपराधियों को टिकट देती है। मुरादाबाद में हुए टिकट बंटवारे को लेकर सीएम योगी ने कहा, यहां सपा के उम्मीदवारों को देखिए…उनमें से एक ने कहा था, ‘अफगानिस्तान में तालिबान को देखना अच्छा है’… तालिबान का मतलब मानवता के विरोधी… आप बेशर्मी से इसका समर्थन कर रहे हैं… और सपा उन्हें टिकट देती है। योगी ने पहले की सरकारों में कानून व्यवस्था की याद दिलाते हुए कहा कि 2017 से पहले की स्थिति कैसी थी? महिलाओं की सुरक्षा खतरे में थी, इतना कि लड़कियां स्कूल नहीं जा सकती थीं और मुलायम सिंह जी कहते थे: लड़के गलती करते हैं। उनकी सहानुभूति महिलाओं और युवाओं के साथ नहीं है।

क्या हुआ था
मुजफ्फरनगर में जाट और मुस्लिम समुदाय के बीच झड़प 27 अगस्त 2013 को शुरू हुआ था। कवाल गांव में कथित तौर पर एक जाट समुदाय लड़की के साथ एक मुस्लिम युवक ने छेड़खानी की थी। उसके बाद लड़की के दो ममेरे भाइयों गौरव और सचिन ने उस मुस्लिम युवक को पीट-पीट कर मार डाला। जवाबी हिंसा में मुस्लिमों ने दोनों युवकों की जान ले ली। मुजफ्फरनगर जिले के कवाल गांव में जाट-मुस्लिम हिंसा के साथ ये दंगा शुरू हुआ था, जिससे वहां 62 लोगों की जान गई थी। बड़े पैमाने पर लोग हताहत हुए। दंगे के दौरान यहां कर्फ्यू लगा दिया। सेना बुला ली गई। कर्फ्यू करीब 20 दिनों तक रहा। 17 सितम्बर को दंगा प्रभावित स्थानों से कर्फ्यू हटा लिया गया। सेना वापस बुला ली गई।

2017 में दो लड़कों का गठबंधन भी देख चुकी है जनता 

उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा और रालोद के गठबंधन को ‘मज़ाक‘ करार देते हुए कहा कि इस गठबन्धन का भी वही हश्र होगा जो सपा-कांग्रेस गठबंधन का पिछले विधानसभा चुनाव में हुआ था।
शनिवार को मीडिया से बातचीत में अखिलेश और राहुल गांधी के गठजोड़ का मखौल उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि यूपी ने 2017 में दो लड़कों का गठबंधन भी देखा था। यही नही, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बुआ-बबुआ का भी गठबंधन देखा। ब्रजेश पाठक ने कहा कि इन सबका हश्र सबने देखा था। गठबंधन कितने दिन के थे।

उन्होंने सपा-रालोद गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आज भी एक गठबंधन बना है जिसके रास्ते 10 मार्च के बाद जुदा हो जायेंगे। यूपी के वरिष्ठ मंत्री ने समाजवादी पार्टी के परिवारवाद पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि एक परिवार का ही विकास सोचने वालों को भाजपा का ‘सबका साथ, सबका विकास‘ अजूबा ही लगेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का भरोसा सबका साथ और सबका विकास में ही नहीं सबके विश्वास में भी है। क्योंकि हमारी सरकार में सरकारी योजनाएं सबके लिए, मकान सबके लिए, अनाज सबके लिए, शौचालय सबके लिए, बिजली के कनेक्शन सबके लिए, गैस कनेक्शन सबके लिए, दवाई और पढ़ाई सबके लिए है।

ब्रजेश पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव हार के डर और बौखलाहट में अपने सहयोगी दलों का नाम तो भूल ही गए हैं, साथ ही सहयोगी दलों को बोलने का मौका भी नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा ‘अखिलेश जी! आप की उलझन भी हम समझ सकते हैं, क्योंकि आज उत्तर प्रदेश के पावरफुल होने पर बत्तीगुल पार्टी को तकलीफ हो रही है‘।

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