60% मुस्लिम आबादी होते ही हिन्दू गाँव छोड़ने को मजबूर

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रतलाम। अक्सर हिंदूवादी संगठन इस बात की चिंता जाहिर करते हैं कि जिस दिन इस देश में हिंदू अल्प संख्यक हो गए तो हिंदुओं का रहना मुश्किल हो जाएगाा। उनकी चिंता कितनी जायज है। इस पर तो कुछ कहना गलत ही होगा, लेकिन जिस तरह की घटना हाल में मध्य प्रदेश में देखने को मिली है, इन संगठनों की चिंता को बल मिलता दिख रहा है। मामला मध्य प्रदेश के एक गांव का है, जहां से हिंदू गांवों से पलायन कर रहे है। उन्हे अपनी सुरक्षा का खतरा अपने ही पैतृग गांव में दिखने लगा है। वह भी तब जिस राज्य में भाजपा की सरकार है और गाँव में कानून व्यवस्था अपना नियंत्रण खोया नहीं है। आइये जानते है कि पूरा मामला क्या है। सुराना1588 लोगों की आबादी वाला गांव है। 60% आबादी मुस्लिम, बाकी हिंदू और अन्य हैं। हिंदुओं में अधिकतर जाट हैं। तेली, धाकड़, और दलित भी हैं। गांव में दोनों ही समुदायों के लोगों का पेशा खेती और पशुपालन है। गांव के बुजुर्ग नाथूलाल और बाबूलाल जाट बताते हैं कि गांव में पहले कभी प्यार और भाईचारा नहीं बिगड़ा। अब नई उम्र के लड़के छोटी-छोटी बातों पर आपस में उलझ रहे हैं। 20-25 साल पहले सुराना गांव में मुस्लिम आबादी कम थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में मुस्लिम समाज की आबादी बढ़कर 60% हो गई।

गांव में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत और सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणियां किए जाने के बाद से विवाद शुरू हुआ। दोनों धर्म के युवाओं में 2 सालों से तनातनी जारी है। पिछले दिनों गांव के मुकेश जाट और मुस्लिम समाज के युवकों के बीच विवाद हो गया था। सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर गांव के हिंदू संगठन से जुड़े हुए मुकेश जाट ने मुस्लिम युवकों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। इसके बाद 16 जनवरी को गांव के ही मयूर, हैदर और सद्दाम ने मुकेश से विवाद किया। जिसकी शिकायत करने मुकेश अपने साथियों के साथ बिलपांक थाने गया था। इसी दौरान मुस्लिम युवक गाड़ियों से मुकेश के मोहल्ले में झगड़ा करने पहुंच गए। बिलपांक थाना पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों के विरुद्ध कार्रवाई की। इसी से आहत मुकेश और गांव के अन्य लोग जनसुनवाई में एसपी से शिकायत करने पहुंचे। एसपी गौरव तिवारी ने लोगों को धार्मिक सद्भाव नहीं बिगाड़ने की हिदायत दी। इसी बात से असंतुष्ट होकर हिंदू परिवारों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर 3 दिन में गांव से पलायन करने की चेतावनी दे डाली। गांव के 55 से 60 हिंदू घरों पर मकान बिकाऊ हैं और पलायन की बात लिखी गईं।

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हिंदू परिवारों ने कहा- मुस्लिमों के लड़के कर रहे विवाद
हिंदू परिवारों ने कहा कि छोटी-छोटी बातों को लेकर मुस्लिम समाज के युवक विवाद कर रहे हैं। जानबूझकर हमारे मोहल्ले में तेज रफ्तार से गाड़ियां चलाते हैं और उकसाने की कोशिश करते हैं। गांव के धार्मिक स्थलों के पास गंदगी करते हैं। मुस्लिम समाज के लोगों ने शासकीय जमीन पर अतिक्रमण भी कर रखा है।

हिंदुओं का कहना है कि मुस्लिमों ने बाहर से अपने रिश्तेदारों को गांव लाकर बसा दिया। इसकी वजह से उनकी आबादी तेजी से बढ़ी। इस संबंध में मुस्लिमों ने कुछ भी नहीं कहा। उन्होंने न तो इस बात को स्वीकार किया और न ही इससे इनकार।

मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने कहा- युवकों का आपसी विवाद
मुस्लिम समाज के लोगों ने बताया कि वर्षों से वह सांप्रदायिक सद्भाव के साथ गांव में रह रहे हैं। युवकों के बीच हुए निजी विवाद को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। हम नहीं चाहते कि कोई भी गांव छोड़कर जाए। अगर कोई ऐसा करता है तो बातचीत कर उन्हें समझाएंगे। मुस्लिम समाज के अयूब शाह (प्रशासन की कमेटी में शामिल) ने कहा कि कोई गांव नहीं छोड़ना चाहता। 5-10 लोग हैं, बाकी वरिष्ठ लोग छोड़ना नहीं चाहते। सबकी खेती-बाड़ी है। कुछ समस्या होगी तो सभी को समझाएंगे।

प्रशासन ने कमेटी बनाई, अपराधी जिलाबदर होंगे

  • ग्रामीणों से चर्चा के बाद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि गांव में सांप्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए दोनों पक्षों के लोगों से बातचीत की गई है। दो-दो लोगों की एक समिति प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बनाई गई है। गांव में आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों को जिलाबदर किया जाएगा। सरकारी जमीन पर सभी अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई 1 महीने में पूरी की जाएगी। गांव में धार्मिक माहौल बिगाड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। और ऐसा काम करने वालों पर चौतरफा कार्रवाई की जाएगी।
  • एसपी गौरव तिवारी ने कहा कि पुलिस और प्रशासन धार्मिक माहौल बिगाड़ने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेंगे। गांव में होने वाली छुटपुट घटनाओं पर निगरानी के लिए अस्थाई पुलिस चौकी शुरू की जा रही है।

सुरक्षा जहां, बेटियां वहां

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