लगता है जैसे हम सब हों खाली हाथ….. ढेरों स्मृतियों में लिपटे हुए से…

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परम पूज्य पापा जी के जन्मदिवस पर समर्पित कुछ पंक्तियां………
आज पापा जी हमारे बीच ना होकर भी हमारे अंतर्मन में हैं
सब के दिलों में भिन्न-भिन्न रूपों में …..

पापा जी परिवार की हिम्मत ,
संघर्ष की आंधी में हौसलों की दीवार,
वट वृक्ष की छाल से थे,
कड़ी धूप में घने साईं से थै,
हम नवांकुर आपके,
जिसे सींचा पसीने से आपने,
हर तूफान से बचाया अपनी कोंपलों को,
रात -दिन तप कर मजबूत बनाया हमारी जड़ों को,
आज जब जड़ों से सशक्त हो ,
लहलहाते से हम,
किंतु नहीं विस्मृत कर सकते,
आपकी पीठ पर बरसती सर्दी, गर्मी , वर्षा की बूंदे,
आज सब कुछ है हमारे पास,
पर आज आप नहीं तो,
लगता है जैसे हम सब हों खाली हाथ…..
ढेरों स्मृतियों में लिपटे हुए से…
. आज भी हमारा वजूद आपसे ही है ,
हमारा गर्व ही आप का गौरव है
आपका स्नेह व आशीर्वाद हम सब पर सदैव बना रहे

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डॉ. ऋतु नागर
(स्वरचित)

एक आवाज होती, मानो हृदय चीरता वसुंधरा का,

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