लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधान परिषद में बजट भाषण के दौरान कहा कि प्रदेश का बजट विकासोन्मुखी अर्थ व्यवस्था एवं संतुलित विकास की ओर अग्रसर करने वाला है।
श्री योगी गुरुवार को परिषद में वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट पर भाषण दे रहे थे। उन्होंने कहा कि 2017-18 से लेकर 2020-21 तक प्रेश चार बजटों में राशि प्रतिवर्ष बढ़ाया गया है। उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता की आकांशाओं की पूर्ति के अनुरुप हर एक तबके का हम प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये चीजे बजट में दिखनी भी चाहिए ,क्योंकि जब हम लोग सार्वजनिक जीवन में कार्य करते हैं तो सदैव इस बात का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि खासतौर पर हम जैसे लोगों ने सार्वजनिक जीवन में सेवा को एक माध्यम के रुप में चुना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा ध्यान इस बात पर रहता है कि आर्थिक योजनाओं का लाभ नीचले दबके तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि अपने चारों वर्ष के बजट प्रस्ताव के माध्यम से प्रदेश के समग्र एवं संतुलित विकास को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। श्री योगी ने कहा कि बजट लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए टीमवर्क से काम किया है और उसके परिणाम भी सकारात्म आये। उन्होंने इस साल का बजट युवाओं को केन्द्रित करते हुए सदन में पेश किया गया है। हम इस बारे में गौरव की अनुभूति करते हैं कि दुनिया में भारत सबसे युवा देश के रुप में माना जाता है तथा देश में उत्तर प्रदेश सबसे युवा राज्य के रुप में जाना जाता है।
श्री योगी ने बजट चर्चा में कहा कि यह बजट रोजगार सृजन करने के साथ-साथ विकासोन्मुखी भी है। उन्होंने कहा कि सदन में बजट पर सकारात्मक चर्चा हो रही है। वर्ष 2015-16 में प्रदेश का बजट 3,02,687.32 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 5,12,860.72 करोड़ रुपये हो गया है। ऐसा विकास के प्रति सरकार की सकारात्मक सोच और नेक नीयत के कारण सम्भव हुआ है। यह सरकार के विजन और विकास के प्रति सकारात्मक सोच के कारण सम्भव हुआ है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके तक शासन की कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने, बुनियादी ढांचागत विकास और औद्योगिक निवेश के साथ-साथ समग्र विकास की परिकल्पनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में जो कार्य प्रारम्भ हुए हैं, उसका परिणाम है कि प्रदेश में हर क्षेत्र में, पिछले तीन वर्षों के दौरान नयापन देखने को मिला है और लोगों के मन में विश्वास जागृत हुआ है। सही अर्थों में यह बजट ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के प्रतीक के रूप में देखने को मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए सरकारी नौकरी और निकाली जा रही हैं तथा पिछले ढाई वर्षों के दौरान दो लाख 81 हजार से अधिक युवकों को नौकरियां दी गई है। जिसमें 1.37 लाख से अधिक पुलिस और पीएसी में भर्ती की गई है। उन्होंने कहा कि 42 हजार 500 शिक्षकों की भर्ती की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ढांचागत विकास होने पर पडोसी राज्यों के सहित नेपाल से हमारी गतिविधियां बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पहली बार वर्ष 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव’ कार्यक्रम किया गया और 51 हजार दीपक जलाये थे, लेकिन वह दीपक अयोध्या में उस समय नहीं मिल पाये और हमे पूरे प्रदेश से दीपक मंगवाने पडे,लेकिन पिछले वर्ष अयोध्या में ‘दीपोत्सव’ कार्यक्रम किया तो 05 लाख 51 हजार दीप जलाए गए,जो इसी जिले में निर्मित किए गए थे।
श्री योगी ने कहा कि जिलों में वृद्धिदर बढाना है तो हमे निर्यात पर ध्यान होगा। इस लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक जिला एक उत्पाद योजना, किसानों के उत्पाद एवं आम की खेती आदि के निर्यात के लिए कार्य योजना बनाई है। इसके लिए प्रत्येक जिले में निर्यात हब बनाने की तैयारी की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश से सर्वाधिक निर्यात आम का होता है। उन्होंने कहा कि इस कार्ययोजना को आगे बढ़ा दिया है तथा गोरखपुर के लिए टेराकोटा मिट्टी के खिलोनों के लिए चिन्हित किया गया है, जिससे हाथी ,घोडा जैसे खिलोने बनाये जाते थे।
उन्होंने दीपावली के अवसर पर चीन से आने वाली गौरी गणेश की मूर्तियों के स्थान पर अब यहां टेराकोटा से बनाई जा रही हैं और उनके लिए बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुम्हारों के लिए सौलर चाक उपलब्ध कराये जा रहे हैं तथा अप्रैल से जून तक हर तालाब से मिट्टी निकालने की उनके छूट दी गई है। इससे कुम्हारों को जहां एक ओर मिट्टी मिलेगी वहीं दूसरी ओर जल संरक्षरण अधिक होगा।