यूपी की प्रतियोगी परीक्षा में सॉल्वर गैंगों को योगी पुलिस ने दबोचा

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परीक्षा से पहले दो सॉल्वर गैंगों के 11 गिरफ्तार!

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं में साल्वर गैंग और जालसाजी के मामले उजागर होते रहते हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने 17 और 18 फरवरी को होने वाली पुलिस भर्ती परीक्षा के पहले गाजीपुर में बड़े साल्वर गैंग दबोचा है।इस परीक्षा में लगभग 48 लाख परीक्षार्थी शामिल होने के अनुमान हैं। गाजीपुर में 45 केंद्रों पर करीब 72 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा से ठीक एक दिन पहले शुक्रवार को पुलिस ने साल्वर गैंग के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक आर्मी और दो कोस्ट गार्ड के जवान बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार आरोपियों के पास से छह लाख रुपये, 21 लाख के चेक और 17 मार्कशीट और प्रमाणपत्र और पुलिस भर्ती के 29 प्रवेशपत्रों की फोटोकॉपी बरामद की गई हैं। साथ ही आठ आधार कार्ड, मोबाइल, वाईफाई राऊटर और प्रिंटर भी बरामद हुआ है।

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पुलिस के मुताबिक बरामद रुपये और चेक पुलिस भर्ती के अभ्यर्थियों द्वारा वसूले गए हैं। सभी आरोपियों को नोनहरा थाना क्षेत्र के मीरदादपुर गांव से गिरफ्तार किया गया है।इस संदर्भ में एसपी ओमवीर सिंह ने दोका सामना को बताया कि ‘सूचना मिली थी कि नोनहरा थाना के एक दूरस्थ गांव में कुछ लोग एक किराये का मकान लेकर संदिग्ध गतिविधि में लिप्त हैं। जब वहां पुलिस पहुंची तो भगदड़ मच गई, मौके से आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में पता चला कि गोपेश यादव इनका मास्टर माइंड है और वह कोस्टगार्ड पोरबंदर में कार्यरत है। एक अन्य आरोपी अपने को आर्मी का जवान बता रहा है। इनके एजेंट चारों ओर फैले हुए हैं। इनकी बातों से लग रहा है कि ये पहले भी इस तरह के कार्य में लिप्त रहे हैं। अब 28-29 लोग इनके संपर्क में आ चुके थे और उनमें से ही किसी ने पुलिस को सूचना दी थी। एसपी ने सभी से अपील है कि ऐसे लोगों के झांसे में न आयें। सभी आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है।

इसके पहले बीते कल 15 फरवरी को कौशाम्बी पुलिस ने सॉल्वर गिरोह चलाने वाले मऊ जिले के तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। कौशांबी पुलिस के अनुसार ये प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों को पास करने के नाम से मोटी रकम ऐंठ कर उन्हें ठगने का काम करते थे। ठगी गैंग के बाकी सदस्यों की पुलिस तलाश कर रही है। बता दें कि कौशांबी की साइबर व एसओजी टीम ने मिलकर इस गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो परीक्षा पास कराने के नाम पर युवाओं को लूटने का काम करते थे। एसपी कौशांबी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि गिरोह के तीन सदस्यों मऊ जिले के रहने वाले आयुष पांडे पुत्र विनोद पांडेय, नवीन सिंह व पुनीत सिंह को गिरफ्तार किया है।इनके पास से पुलिस ने एक बलेनो कार सहित 8 लाख 84 हजार रूपए व फर्जी पुलिस पहचान पत्र तथा कई विभागों से संबंधित चार अवैध रबर मोहर बरामद किया गया है। ठगी करने वाले इस गिरोह के बाकी सदस्यों की पुलिस तलाश कर रही है जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

4 फरवरी को आगरा पुलिस ने एक सॉल्वर गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से एक कार, एक मोटरसाइकिल, 9 मोबाइल फोन, ₹57900 रुपए, 2 फिंगर प्रिंट लिफाफे, फिंगरप्रिंट तैयार करने का सामान, कागज, इंक बरामद किया था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक कागरोल थाना क्षेत्र का रहने वाला समरवीर ही सॉल्वर गैंग का सरगना है। समरवीर के साथ गिरोह में शामिल आगरा के रहने वाले जीतेंद्र , हेतराम , मथुरा के रहने वाले प्रदीप , फिरोजाबाद के रहने वाले कैलाश चंद्र , रविकांत यादव और हाथरस के रहने वाले सुनील को गिरफ्तार किया है।

8 फरवरी को बागपत में सॉल्वर गैंग के दर्जन भर सदस्य पकड़े गये थे। यह गिरोह रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर से प्रश्नपत्र स्कैन कर पेपर सॉल्व कर देता था। इसकी सूचना मिलने पर एसटीएफ की मेरठ टीम ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले की रिपोर्ट बागपत के बड़ौत थाने में दर्ज कराई गई है।

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