राहुल गांधी की राजनीतिक अपरिपक्वता जगजाहिर, प्रियंका गांधी की राह का ही रोड़ा

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लखनऊ । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की राजनीतिक अपरिपक्वता जगजाहिर हो चुकी है। समय-समय पर उनके दिए बयान राष्ट्रवाद व समाज के विरोधी साबित होते रहे हैं। समय-समय पर उनके ही दल में उनके बयानों को लेकर उनकी किरकिरी होती नजर आई है। पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल ने जिस तरह से मोदी को घेरने का प्रयास किया, मर्यादाओं को तोड़ा, उसका प्रतिफल उन्हें लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से पराजय का मुंह देखकर मिला।वह अपने बयानों को लेकर लगातार सुर्खियों में रहने का प्रयास करते हैं, लेकिन उनकी बयान बाजी उन पर ही भारी पड़ती दिखती है। हाल ही में राहुल गांधी ने जिस तरह की बयानबाजी की है, उसका दुष्प्रभाव उनकी ही बहन प्रियंका गांधी वाड्रा की उत्तर प्रदेश की सियासत पर पड़ेगा। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी वाड्रा इन दिनों उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने में लगनी है। इसके लिए यूपी के मंदिरों और घाटों का चक्कर लगा रहे हैं, दर्शन पूजन कर रही हैं,  हिंदू मतदाताओं में कांग्रेस के प्रति भरोसा जगाने का प्रयास कर रहे हैं, ऐसे में राहुल गांधी का बयान प्रियंका गांधी की राह का ही रोड़ा बन सकता है। अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में समाजवादी पार्टी पहले ही कांग्रेश के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं और भारतीय जनता पार्टी भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी हैं। राहुल गांधी का बयान विभाजनकारी योगी आदित्यनाथ भी करा दे चुके हैं। राहुल गांधी का उत्तर और दक्षिण भारत की राजनीति को लेकर दो दिन पहले दिया गया बयान उत्तर प्रदेश में पार्टी की जमीन तैयार करने में जुटी पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के लिये एक नई मुसीबत खड़ी कर सकता है ।

श्री गांधी के दक्षिण भारत के लोगों के राजनीतिक रूप से परिपक्व होने के बयान की सभी जगह आलोचना हो रही है । यहां तक कि उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस के लोग सहज महसूस नहीं कर रहे हैं ।राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुये राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस पर जम कर हमला बोला और पार्टी की नीति को विभाजनकारी बताया । योगी आदित्यथ ने राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा कि जिन्हें यूपी के लोगों ने 15 साल तक राज कराया वो दूसरे राज्य में जा कर यहां की खिल्ली उड़ा रहे हैं ।

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उनके पास इटली जाने का समय है लेकिन अमेठी आने का समय नहीं हैं ।  ऐसी हालत में अमेठी की जनता ऐसे लोगों को वोट क्यों दे । योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ट्वीट कर राहुल गांधी को जवाब दिश था जिसमें उन्होंने कहा था कि श्रीमान राहुल जी सनातन आस्था की तपोस्थली केरल से लेकर प्रभु श्री राम की जन्मस्थली उत्तर प्रदेश तक लोग आो समझ चुके हैं । विभाजनकारी राजनीति आपका राजनीतिक संस्कार है ।

अमेठी की सांसद स्मृति इरानी तो उन्हें निकम्मा सांसद तक बोल चुकी है । उन्होंने कहा कि जिस आदमी को अमेठी ने 15 साल मौका दिया उसने कभी भी अमेठी की सुध नहीं ली ।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राहुल गांधी को लेकर मुख्यमंत्री के बयान को गलत बताया और कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है । दरअसल मुख्यमंत्री पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की बढ़ रही लोकप्रियता से घबरा गये हैं । किसान बिल के विरोध में पार्टी को उत्तर प्रदेश में अपार जनसमर्थन मिल रहा है ।

प्रियंका गांधी पार्टी में चल रही गुटबाजी के बावजूद राज्य में अपनी जमीन तैयार करने के लिये पूरी मेहनत कर रही हैं । पार्टी के प्रदेश महासचिव ब्रहम्स्वरूप सागर ने दाे दिन पहले ही गुटबाजी और गलत लोगों को तरजीह देने का आरोप लगाकर अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था ।

प्रियंका गांधी गांव गरीब और हिन्दूओं में पार्टी के प्रति विश्वास पैदा करने के लिये मंदिरों में जा रही हैं । उन्होंने कुछ दिन पहले प्रयागराज के संगम में स्नान किया था तो मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में पूजा की थी । अब वो मछुआरों के हितों के लिये प्रयागराज से बलिया तक कांग्रेस की यात्रा में भी शामिल होंगी ।

दूसरी ओर राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि प्रियंका गांधी के पूरे प्रयास के बावजूद राहुल गांधी का बयान उनके उत्तर प्रदेश मिशन को धक्का पहुंचा सकता है । राहुल का बयान ऐसे समय आया है जब उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं । राहुल का बयान भाजपा समेत कांग्रेस की विराधी पार्टियों के लिये बड़ा मुद्दा बन सकता है ।भाजपा इस बयान को कभी भी छोड़ना नहीं चाहेगी ।

दूसरी ओर समाजवादी पार्टी भी भाजपा के साथ कांग्रेस को अपना दुश्मन नंबर एक मानती है । पार्टी की नीति कांग्रेस से पूरी तरह से दूरी बनाकर चलने की है । लिहाजा अखिलेश यादव भी इस बयान को लेकर कांग्रेस पर हमला करने से नहीं चूकेंगे ।

टेलीफोन या फैक्स यहां रखें तो बढ़ेगी सकारात्मकता

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