अक्षय तृतीया: पुण्यों का मिलता है कई गुना फल, इस दिन पितरों को करें घट दान

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akshay trteeya: punyon ka milata hai kaee guna phal, is din pitaron karen ghat daanअगर आप पितृ दोष से पीडि़त हैं तो अक्षय तृतीया पर पितरों को प्रसन्न कर कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं। धर्म शास्त्रों में इसका उल्लेख किया गया है। अक्षय तृतीया पर सात्विकता सृष्टि में प्रभावी होती है, इसलिए
इस तिथि पर पूजन-अर्चन और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। दान के संदर्भ में एक बात स्पष्ट होनी चाहिए कि दान हमेशा सद्पात्रों को ही देना चाहिए, तभी जीव पुण्य प्राप्ति का भागी होता है। इस तिथि पर ब्रह्मा एवं श्रीविष्णु की मिश्र तरंगें उच्च देवता लोकों से पृथ्वी पर आती हैं । इससे पृथ्वीपर सात्त्विकता की मात्रा 10 प्रतिशत बढ जाती है । इस कालमहिमा के कारण इस तिथिपर पवित्र नदियों में स्नान, दान आदि धार्मिक कृत्य करने से अधिक आध्यात्मिक लाभ होते हैं । इस तिथि पर देवता-पितर के निमित्त जो कर्म किए जाते हैं, वे संपूर्णतः अक्षय (अविनाशी) होते हैं । अक्षय तृतीया का महत्व सतयुग से ही रहा है। इस दिन किए गए पुण्यों का फल कई गुना मिलता है, विद्वान बताते हैं कि अक्षय तृतीया की तिथि से ही सत्ययुग और त्रेता युग का प्रारंभ हुआ था। द्वापर युग का अंत और कलयुग का प्रारंभ भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ। इसलिए इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है। चंूकि वैशाख मास भगवान विष्णु का प्रिय है। इस माह के प्रमुख त्योहारों में अक्षय तृतीया का अनुष्ठान है। पुराणों के मुताबिक अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम का जन्म महर्षि जमदग्नि और माता रेणुका से हुआ था। इसी कारण अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की पूजा की जाती है। इस साल यह अनुष्ठान तीन मई को होने हैं।
विद्वानों द्विजों के अनुसार, हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का महत्व आदि काल से रहा है। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन किसी भी मुहूर्त में विवाह, मुंडन आदि मांगलिक कार्य किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए काम कई गुना फल प्रदान करते हैं। इस दिन सोना खरीदने का खास महत्व होता है। सनातन मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन सोना का जेवर खरीदने से घर में धन लाभ होता है। घर में सुख शांति और समृद्धि होती है। घर के लोगों की तरक्की होती है। इस दिन घर में आने वाला धन क्षय नहीं होता और उसमें कमी नहीं आती। शुभ कार्यों के अलावा इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करने का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन पितरों के लिए घट दान, यानी जल से भरे हुए मिट्टी के बर्तन का दान जरूर करना चाहिए। गर्मी के इस मौसम में जल से भरे घट दान से पितरों को शीतलता मिलती है और आपके ऊपर उनका आशीर्वाद बना रहता है।

अक्षय तृतीय पर क्या करें

  • अक्षय तृतीया के दिन आपको विष्णु भगवान को चन्दन का टुकड़ा अर्पित करना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। ऐसा करने से आप कॅरियर में सफलता मिलेगी।
  • इस दिन आपको साफ जल में थोड़ा-सा गंगाजल और चन्दन की खुशबू डालकर श्री विष्णु को अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से आपके दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा।
  • इस दिन श्री विष्णु भगवान को चन्दन का तिलक लगाएं। उसके बाद स्वयं भी अपने मस्तक पर चन्दन का तिलक लगाएं, पर ध्यान रहे कि भगवान को तिलक लगाते समय अपने दायें हाथ की अनामिका, यानि तीसरे उंगली का उपयोग करना चाहिए और स्वयं को तिलक लगाते समय अपनी मध्यमा उंगली, यानि दूसरी उंगली का उपयोग करना चाहिए। ऐसा करने से विद्या के क्षेत्र में आपकी उन्नति होगी।
  • इस दिन आपको विष्णु मन्दिर में एक चन्दन की खुशबू वाला धूपबत्ती का पैकेट दान करना चाहिए और उसी पैकेट में से एक धूपबत्ती निकालकर भगवान के आगे जलानी चाहिए और हाथ जोडक़र भगवान को प्रणाम करना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर की सुख-समृद्धि अक्षय बनी रहेगी

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