चिरौंजी एक, लाभ अनेक: वायु को भी मिटाती है

1
859

चिरौंजी एक ऐसा मेवा है, जिसका प्रयोग करके शीत पित्त शांत होता है। यह ठंडी प्रकृति का होता है। यह रक्त विकार, पित्त और कफ आदि से सम्बन्धित शारीरिक विकार दूर करने में सहायक होता है। चिरौजी से एक प्रकार का तेल निकलता है , जो ठंडा होता है । चिरोजी कफ , पित्त , एवं रक्त सम्बन्धी विकारों को दूर करती है । इसका फल मुधर और भारी होता है । यह वायु , पित्त , दाह और प्यास मिटाती है । यह वायु को मिटाती है , लेकिन मुश्किल से पचती है।इसका प्रयोग कैसे किया जाए? यह हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं।

प्रयोग 1…… चिरौंजी की छाल दूध में पीसकर शहद मिलाकर पीने से रक्तातिसार में फायदा होता है ।

Advertisment

प्रयोग 2……चिरोजी फल वायु , पित्त , दाह ज्वर , और तृषा मिटाता है ।

प्रयोग 3……चिरौजी दूध में पीसकर लेप करने से शीतपित्त में फायदा होता है ।

कन्या राशि ( VIRGO ) की सामान्य विशेषताएं, स्वभाव व परिचय

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here