शव यात्रा या अर्थी अक्सर हमें मार्ग में दिख जाती है, लेकिन हम समझ नहीं पाते हैं कि इसे किस रूप में लिया जाए। आम तौर पर लोग शव यात्रा को नमन कर आगे चल देते हैं, पर नहीं जान पाते हैं कि इसका शकुन-अपशकुन की दृष्टि से क्या अभिप्राय है। हम इस लेख के माध्यम से शव यात्रा या अर्थी गमन के विषय में बताने जा रहे हैं। निश्चित तौर पर यह जानकारी आपको जीवन में शकुन-अपशकुन की दृष्टि से जानकारी देने में लाभकारी होगी। आप जान सकेंगे कि आपकी यात्रा शुभ रहेंगी या अशुभ।
मुर्दा, शव यानी अर्थी को ले जाते हुए देखना शकुन के रूप में शुभ ही पाया जाता है। यह पूर्णतया प्रमाणित हुआ है कि किसी भी कार्य हेतु घर से निकलते पर प्रथम दर्शन अर्थी के हो तो अत्यन्त शुभ ही होते हैं। यह अर्थी चारों दिशाओं और चारों कोणों में देखना शुभाशुभ ही होता है, लेकिन पूर्व, उत्तर और पश्चिम दिशा की तरफ ले जाते हुए अर्थी विश्ोष लाभ प्रदान करती है। इस शकुन के विषय में एक बात नहीं होनी चाहिए,जोकि लाभ में रुकावट बन जाती है। वह बात है कि अर्थी के साथ-साथ चल रहे लोग रुदन न कर रहे हों। इस शकुन में रुदन लाभदायक नहीं होता है।