तत्व ज्ञान जिसे हो जाता हैं, वह परम तत्व को जान लेता है, जीवन और जीव के सत्य का बोध हो जाता है। तत्व ज्ञान पाना बहुत कठिन है, वास्तव में तत्व ज्ञान विरले को प्राप्त होता है, इसके लिए जरूरत होती है ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण की।
मंत्र है-
छिति जल पावक गगन समीरा।
पंच रचित अति अधम सरीरा।।
इस मंत्र के एक हजार जप कुश की माला पर प्रतिदिन करते हुए 21 दिन साधना करें। पूरे मनोयोग से साधना में लगे रहे। 21 वे दिन बरगद को जल चढ़ाकर धूप-दीप करके एक नारियल जल में प्रवाहित करें। इस मंत्र के प्रयोग से पंच तत्वों का ज्ञान हो जाता है। बस जरूरत है, ईश्वर के प्रति पूर्ण आस्था की। अटल विश्वास की। पूर्ण समर्पण की।