तो चल जाएगा आपके विजिटिंग कार्ड का जादू

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विजिटिंग कार्ड बनवाने का लक्ष्य यह होता है कि सामने वाले को आपके व्यक्ति से परिचित कराए। उसे आकर्षित करे, इसके लिए आजकल एक से एक आकर्षक विजिटिंग कार्ड भी बनवाते हैं, लेकिन वह अक्सर प्रभावी नहीं रहते हैं, इसके कई कारण हो सकते हैं। इसमें प्रमुख कारण यह होता है कि वह विजिटिंग कार्ड वास्तु के हिसाब से सही नहीं होता है।

वास्तु के हिसाब से सही नही होने पर वह विजिटिंग कार्ड आपके लक्ष्य की पूर्ति नहीं करता है। आज हम आपको ऐसे विजिटिंग कार्ड के बारे में बताने जा रहे है, जो वास्तु की दृष्टि से सही होते हैं। जिसका प्रभाव विजिटिंग कार्ड लेने वाले के मन-मस्तिष्क पर पड़ता है। विजिटिंग कार्ड को डिजायन करते समय बीच के भाग को सदैव खाली रखना चाहिए। यह भाग ब्रह्मस्थान माना जाता है। इसके अलावा कम्पनी या फर्म के मोनोग्राम अथवा ट्रेडमार्ग को ईशान कोण में बनाना चाहिए। वायव्य कोण में टेलीफोन या फैक्स नम्बर डाल सकते हैं।

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स्वयं का नाम या फर्म का नाम नैर्ऋत्य या दक्षिण-पश्चिम कोण में देना चाहिए। इस प्रकार के निर्धारण से यह कार्ड वास्तु की दृष्टि से उत्तम होगा। सुंदर भी लगेगा। साथ ही आपको भाग्यशाली बनाने में सहायक भी सिद्ध होगा। जिस उद्देश्य को लेकर आपने किसी को विजिटिंग कार्ड दिया है, वह भी लक्ष्य पूर्ति होगी।

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