पांच अगस्त को घर-घर में मनाई जाएगी ‘दीपावली’

0
717

लखनऊ। पांच अगस्त को दोपहर सवा 12 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए भूमि पूजन अनुष्ठान करेंगे। तो उसी दिन रात्रि को पूरी दुनिया में फैले राम भक्त दीपावली से पूर्व ही घर-घर दीप प्रजुल्लित करके खुशियां मनाएंगे। विश्व हिन्दू परिषद इस दिन प्रत्येक हिंदू परिवार को गौरवमयी अवसर से जोड़ने के लिए वृहद दीपोत्सव अभियान चला रहा है। शहर हो या गांव घर-घर, दीपोत्सव मनाया जाएगा। रामजन्मभूमि पर भूमि पूजन अनुष्ठान के समन्वयक-संयोजक आचार्य इंद्रदेव शास्त्री के अनुसार भूमि पूजन कार्यक्रम पहली अगस्त से शुरू हो जायेगा।

पहले दिन गणपति पूजन एवं पंचांग पूजन के साथ अनुष्ठान की शुरुआत होगी। साथ ही वाल्मीकि रामायण एवं कई अन्य शास्त्रीय ग्रंथों का पाठ शुरू होगा। दूसरे दिन पाठ की निरंतरता के साथ रामार्चा पूजन और प्रवचन का क्रम संयोजित होगा, जबकि भूमि पूजन के दिन पांच अगस्त को शास्त्रानुकूल भूमि पूजन का पारंपरिक अनुष्ठान होगा। इसे 10 से 15 वैदिक आचार्य संपादित कराएंगे। इनमें चुनिंदा स्थानीय के साथ दिल्ली एवं बनारस तक के विद्वान शामिल होंगे। संभवना यही जताई जा रही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रभु राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।

Advertisment

पांच सौ वर्षो के लम्बे इंतजार के बाद जब मंदिर के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम होने जा रहा है तो इस मौके पर उन साधू-संतांे, विश्व हिन्दू परिषद के लोगों और राजनीतिज्ञों को कैसे भुलाया जा सकता है जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए लम्बा संघर्ष किया था। इसीलिए प्रभु राम के मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के समय लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व सांसद और बजरंगी नेता विनय कटियार,साध्वी उमा भारती आदि सहित शिवसेना के नेताओं के भी अयोध्या पहुंचने की संभावना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के कई मंत्री भी इस मौके पर अयोध्या में नजर आ सकते हैं।

बहरहाल, एक तरफ जहां राम मंदिर का निर्माण शुरू होने जा रहा है, वहीं दूसरी और योगी सरकार ने इसे विश्वस्तरीय बनाने के लिए कमर कस ली है। योगी सरकार की अयोध्या को लेकर प्रतिबद्धता इस बात से भी समझी जा सकती है कि उसके द्वारा नई सुविधाओं के विकास की सीमा देखते हुए इससे डेढ़ किमी की दूरी पर 400 हेक्टर क्षेत्र में नई अयोध्या बसाने की योजना बनाई जा रही है। नई नगरी की खासियत यह होगी कि इसमें आधुनिक सुविधायुक्त रहन-सहन, शिक्षा-दीक्षा, खेल मनोरंजन, व्यायम-चिकित्सा और पर्यटन-परिवहन की सुविधाएं तो होंगी ही, इसकी स्थापना इस तरह की जाएगी कि यहां पहुंचकर त्रेतायुगीन अयोध्या तीर्थटन की दृष्टि से श्रद्धालुओं का सबसे बड़ा गंतव्य बन जाएगी। बड़ी संख्या में घरेलू-विदेशी पर्यटक यहां पहुंचेंगे जिनकी सुविधा के लिए नई अयोध्या बसाने की योजना दूरदृष्टि का बढ़िया उदाहरण है।

अयोध्या सरयू नदी के बिना अधूरी है। इसी लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरयू पर गुप्तार घाट से नया घाट तक पक्का पुल बनवाने की मंजूरी दी है, जिस तीव्र गाति से काम चल रहा है। यह देश की किसी भी नदी के तट पर सबसे लंबा पक्का घाट होगा। यह घाट बन जाने पर सरयू में नौका विहार को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री की ही योजना से नया घाट स्थित राम की पैड़ी का सौंदर्यीकरण किया गया है। जहां तक प्राचीन अयोध्या का सवाल है, प्रभु राम की अवतार-नगरी होने के कारण इसका कण-कण परमपूज्य माना जाता है, पर पुरानी, घनी और बेतरतीब बसावट के कारण इसकी सीमा में मौजूदा सुविधाओं के विस्तार एवं नई सुविधाओं की स्थापना की ज्यादा गुंजाइश नहीं है। इसके बावजूद राम जन्मभूमि, जहां राम मंदिर का निर्माण होगा, और हनुमान गढ़ी के आसपास यथासंभव नागरिक एवं पर्यटन सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण किए जाने की योजना बन रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here