सपने में परीक्षा, धर्मबहिष्कृत, प्रदर्शनी, निकालना, आंखे

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सपने में परीक्षा, धर्मबहिष्कृत, प्रदर्शनी, निकालना, आंखे

परीक्षा- यदि कोई देखे कि वह परीक्षा दे रहा है तो यह जीवन में सफलता का द्योतक है। यदि कोई परीक्षा लेना देखे तो वह प्रतिष्ठित होगा। यदि कोई परीक्षार्थी में अनुतण होने का स्वप्न देखता है तो समझो वह परीक्षा में बहुत अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होगा। यदि कोई देखे कि उसको परीक्षा भवन से निकाल दिया गया है तो वह जो परीक्षा देने वाला है या जो परीक्षा उसने दी है, उसमें अनुत्तीर्ण हो जायेगा।

धर्मबहिष्कृत- यदि कोई देखता है कि उसे धर्म या जाति से बहिष्कृत कर दिया गया है तो वह दीर्घायु होकर लोगों के सम्मान का भाजन बनेगा। यदि कोई देखता है कि वह दूसरे व्यक्ति को धर्मबहिष्कृत कराने का प्रयत्न कर रहा है तो उसे सच्चा मित्र मिलेगा। यदि कोई अपने किसी सम्बन्धी को जाति बहिष्कृत किया हुआ देखता है तो यह उसकी नौकरी की उन्नति का सूचक है।

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प्रदर्शनी- यदि कोई कृषि उत्पादन की प्रदर्शनी देखता है तो वह एक कुशल व्यापारी होगा। यदि कोई पशुप्रदर्शनी देखे तो उसकी धन – समृद्धि होगी। यदि पत्नी सहित कोई प्रदर्शनी देखता है तो समझो उसके अनेक बच्चे होंगे। किसी प्रदर्शनी से लौटकर आने का सपना देखे तो द्रष्टा अपने कारोबार से मुक्त होकर आनन्द का जीवन बितायेगा।

निकालना- यदि कोई विद्यार्थी देखे कि उसे स्कूल या किसी अन्य संस्था से निकाल दिया गया है तो वह प्रतिष्ठा को प्राप्त होगा। किसी सार्वजनिक स्थान से निकाले जाने का यह अर्थ है कि किसी अपराध में उसे जेल होगी। यदि किसी को उसका मित्र अपने घर से निकाल दे तो उसे कष्टमय जीवन बिताना पड़ेगा।

आंखे- स्वप्न में अपनी आंखों का लाल होना देखें तो रोग की सूचना है। यदि कोई चमकती हुई आंखों वाली किसी स्त्री को देखता है तो समझो वह अपने उद्योग में असफल होगा। यदि कोई अपनी आंख सूजी हुई बिना दर्द को देखता है तो वह आनन्द युक्त जीवन बितायेगा। यदि कोई ऐसी स्त्री को देखती है, जिसकी आंखों में काजल या सुरमा लगा हुआ है, तो उसे आर्थिक हानि होगी। यदि कोई किसी दूसरे को आंखों से इशारे करता हुआ देखे तो वह स्वप्न देखने वाला सख्त बीमार पड़ सकता है। यहां तक कि वह रोग घातक भी सिद्ध हो सकता है।

 

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