अगर किसी कन्या के विवाह में अड़चन आ रही हैं, वह चाहे मंगल दोष के कारण हो या फिर विकराल कालसर्प योग के कारण आ रही हो, उसकी बाधा को दूर करने हम आपको आज प्रभावी उपाय बताने जा रहे हैं। यह उपाय कन्या के विवाह की बाधाओं को दूर करने में प्रभावी माने जाते हैं। मंगल चंण्डिका मंत्र अत्यन्त प्रभावी मंत्र माना जाता है। इसके प्रभाव से निश्चित तौर पर बाधाएं दूर होती हैं। इसके साथ ही कालसर्प योग के कारण अगर बाधा आ रही है तो इसके लिए भी प्रभावी मंत्र हम आपको बता रहे है। पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ अगर इन मंत्रों का जप किया जाए तो निश्चित तौर पर आपके कार्य सिद्ध होंगे। मनोरथ पूर्ण होंगे।
( 1 )- विकराल कालसर्प योग वाली और क्रूर मंगली कन्याए जिनका विवाह 30 से 40 वर्ष की आयु हो जाने पर भी नहीं होता वो निम्नलिखित चौपाई का पाठ करें । ईश्वरकृपा से अवश्य संयोग बनेंगे-
तब जनक पाइ वसिष्ठ आयसु ब्याह साज संवारिके ।
मांडवी श्रुत कीरिति उरमिला कुंअरि लाई हंकारिकै ।।
( 2 ) – अगर किसी कन्या की कुण्डली में मंगली योग होने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा तो वह प्रत्येक मंगलवार मूंगे की माला से मंगल चंडिका मंत्र ‘ की 11 माला और शनिवार को सुन्दरकाण्ड का पाठ करें ।
मूलमन्त्र- ‘ ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सर्वपूज्ये देवि मंगल चण्डिके ऐं क्रूं फट् स्वाहा ।
( 3 )- कन्या के विवाह में बाधा आ रही हो तो शुक्रवार की रात्रि में 8 सूखे छुहारे जल में अच्छी तरह उबालकर अपने सिरहाने रखकर सोए और शनिवार को प्रात : स्नानादि के पश्चात चलते पानी में प्रवाहित करें ।