श्यामा चिड़िया कब शुभ, कब अशुभ

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श्यामा चिड़िया को हर कही देखा जा सकता है। यह देश के विभिन्न इलाकों में देखी जाती है। इसके नाम भी भिन्न-भिन्न पुकारे जाते हैं। आम तौर पर इसे श्यामा चिड़िया के नाम से ही जाना-पहचाना जाता है। इसके शकुन को लेते समय विद्बानों का कहना है कि अगर पति-पत्नी दोनों ही यात्रा कर रहे हो और उनके बीच में से पहले श्यामा चिड़िया और फिर श्यामा चिड़ा निकले तो कार्यसिद्धि होती है, लेकिन इसके उलट पहले श्यामा चिड़ा और फिर चिड़िया निकले तो कार्यसिद्धि में संशय होता है।पूंछ को जल्द ऊंची-नीची करते हुए फुदकती दिखाई दे तो यह प्रेमिका से मिलन का संकेत है। अगर अपनी चोंच से अपने सामने के हिस्से या गुप्तांग को स्पर्श करती दिखाई दे तो किसी सुंदर स्त्री या युवक से समागन का सूचक है।

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अगर श्यामा चिड़िया नीचे से उड़कर ऊपर की ओर जाती हुई किसी शकुनार्थी को दिखाई देती है तो यह उत्तम फल की प्राप्ति का संकेत है। अगर वह नीचे की ओर आए तो अवनति का सूचक है। अगर श्याम चिड़िया बाई ओर बोलती है तो अच्छी रहती है, लेकिन किसी यात्री को बाईं और दायीं तरफ बोलती हुई मिले तो अति उत्तम फल प्राप्त होता है। अगर यात्रा के दौरान श्यामा चिड़िया चलती हुई उड़कर किसी गंदगी में बैठी दिखाई दे तो यात्रा निविघ्न होती है, लेकिन सफलता नहीं मिलती है। अगर किसी पतंगे को पकड़ने के दौड़ रही हो, लेकिन एक के बजाय दो को पकड़ ले तो दो गुना लाभ होता है।

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यदि यात्रा पर जा रहे व्यक्ति को बाईं ओर श्यामा चिड़िया बोलती है तो निश्चित तौर अच्छे फल देती है। यदि दक्षिण की ओर बोलती है तो अनिष्ट फल प्रदान करने का संकेत है। अगर सामने आकर बोलती है तो यात्रा को तत्काल स्थगित कर देना चाहिए। इसे प्रकृति का संकेत समझना चाहिए। पीठ पीछे बोलती है तो किसी शुभ सूचना प्राप्त होने का संकेत और प्रवास में लाभ को इंगित करती है। अगर किसी यात्रा पर जा रहे या किसी विशेष कार्य से जा रहे मनुष्य को प्रसन्न भाव में क्रीड़ा करते हुए मिले और सामने की तरफ आए तो यह कार्यसिद्धि की सूचना है। प्रसन्न मुख होकर इधर-उधर फुदक रही हो तो धन का लाभ और कार्यसिद्धि की सूचना है।

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अगर अपने दाये भाग को खुजाती हुई श्यामा चिड़िया दिखे तो शत्रु का नाश और मित्र को लाभ होने का संकेत है। दाये भाग में फड़फड़ाती मिले तो विवाद में विजय मिलती है। दोनों ही भागों को फड़फड़फड़ाने पर मनुष्य को कोई शुभ समाचार प्राप्त होता है। कार्यसिद्धि का भी संकेत समझना चाहिए। अगर श्यामा चिड़िया रमण करती दिखे तो स्त्री से लाभ होने का संकेत समझना चाहिए। अगर भोजन प छटपटाती हुई उसे अपनी चोच में दबा ले तो यह शुभ शकुन है। यह शीघ्र सफलता और कार्यसिद्धि का संकेत है। अगर भोजन की तलाश करती श्यामा चिड़िया मिले तो सिद्धि की सूचना और उत्तम भोजन प्राप्ति का संकेत है।

अगर श्यामा चिड़िया अपनी चोंच या पैरों से अपनी बाईं आंख को खुजलाती दिखाई दे तो वस्त्र व आभूषण का लाभ होना संभावित है। अगर श्यामा चिड़िया किसी रूखे बियावान स्थान से हरे-भरे स्थान की तरफ जाती है तो यह व्यक्ति की उन्नति का प्रतीक है। अगर श्यामा चिड़िया दूसरी श्यामा चिड़ियाओं के बीच आ मिले तो यह प्रियजन से मिलन का संकेत है। यह संकेत मुकदमें में भी विजयी प्राप्त होती है। अगर श्यामा चिड़िया अपने पैरों से अपने दाहिनी आंख को खुजलाती दिखाई दे तो यह भी प्रियजन से मिलन का संकेत है।

पैरों से मुंह खुजला रही हो तो यह इच्छित वस्तु की प्राप्ति का संकेत है। अगर किसी यात्री को निर्जन सरोवर में आनंदपूर्वक नहाती दिखाई दे तो भू-सम्पत्ति का लाभ होता है। अगर किसी व्यक्ति को कोई श्यामा चिड़िया टेढ़ा-मेढ़ा मुंह करके देखे या फिर भयवश भाग जाए तो किसी से झगड़ा हो सकता है। इससे कोई लाभ भी नहीं होगा।

अगर आलस्य में दिखाई दे या फिर व्यक्ति को देखकर बीट कर दे तो धन का नाश व स्वजनों पर विपत्ति की सूचना देने वाला संकेत है। अगर मुंह का आहार नीचे फेंकती दिखाई तो व्यक्ति का संचित धन समाप्त हो जाएगा। अगर एक स्थान से उड़कर दूसरे स्थान पर जाती दिखाई दे तो यात्री को एक जगह से झगड़ा और दूसरे स्थान पर जाने पर सफलता मिलती है। अगर श्यामा चिड़िया रमण करने से कतरा रही हो यानी जोड़े से भाग रही हो तो स्त्री से शकुनार्थी को कष्ट और मनोरथ की हानि का संकेत है। इनके द्बारा निकाली गई आवाज का सूक्ष्म और बारीकि से निरीक्षण करके कोई निष्कर्ष निकालना श्रेयस्कर होता है। यह अक्सर ही चिल्ली-चिल्ली या कूची-कुची, कितु-कितु, शूली-शली, चिल्कु-चिल्कु, ची-ची, चीरी-चीरी सरीखी आवाजें अक्सर ही निकालती है।

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